Delhi HC : वर्ष 1997 में हुए उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में अंसल बंधुओं को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी। दिल्ली हाईकोर्ट ने सुशील और गोपाल अंसल की याचिका को खारिज करते हुए अंसल बंधुओं की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
अंसल भाइयों और अन्य ने उपहार अग्निकांड मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने के लिए मिली सजा के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस मामले में दिल्ली की निचली अदालत ने दोषियों को सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए 7 साल की जेल की सजा सुनाई थी।
Delhi HC : निचली अदालत ने दी थी 7 साल की सजा
इस मामले में दिल्ली की निचली अदालत ने 8 नवंबर 2021 को रियल एस्टेट व्यवसायी सुशील और गोपाल अंसल को सात साल जेल की सजा सुनाई थी। अंसल बंधुओं को 7 साल की सजा और 2.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने सुशील अंसल और गोपाल अंसल के साथ ही उनके दो कर्मचारियों को भी 1997 उपहार सिनेमा अग्निकांड में संवेदनशील साक्ष्यों से छेड़छाड़ का दोषी करार दिया था।
Delhi HC : सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का है विकल्प
दिल्ली हाई कोर्ट (High Court) से मायूसी मिलने के बाद अंसल बंधुओं के पास सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का विकल्प शेष है। हाईकोर्ट में याचिका लगाने से पहले अंसल बंधुओं ने बढ़ती उम्र का हवाला देने समेत कई आधार पर सजा को निलंबित करने की मांग की थी। गौरतलब है कि 13 जून 1997 को हिंदी फिल्म बॉर्डर की स्क्रीनिंग के दौरान उपहार सिनेमा में आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई थी।
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