न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल(NGT) की बेंच ने सोमवार (18 दिसंबर) को यमुना के डूब क्षेत्र के बारे में कहा कि इन मैदानों की सफाई और व्यवस्था ठीक करने के लिए सभी संस्थाएं और अधिकारी छोटी-छोटी चिज़ों से उपर उठें और अपने विभागों की अंदर की समस्याओं को सुलाझाकर एक साथ काम करें।

सोमवार को वकील ने चरण 2 में नालियों के संचालन के संबंध में व्यौरा प्रस्तुत किया। NMCG की देखरेख में दिल्ली जल बोर्ड (DJB) द्वारा इस परियोजना पर काम किया जा रहा है। इन परियोजनाओं को पहले ही मंजूरी दे दी गई हैं और काम का एक बड़ा हिस्सा ZAIKA परियोजना के तहत शामिल किया गया है। NMCG ने शिकायत की कि दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ZAIKA परियोजना को चलाने के लिए उचित कदम नहीं उठा रहा है। इस पर दिल्ली जल बोर्ड के वकील ने कहा कि कुछ विभागीय अड़चनों की वजह से देरी हुई है।

दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, 11 नालियों से यमुना नदी में कोई गंदगी नहीं जाती है लेकिन NMCG का कहना है कि यहां पंप ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।

पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, दिल्ली जल बोर्ड और NMCG को निर्देश दिया कि वह मिलकर यह सुनिश्चित करें कि चरण 2 के तहत काम में कोई देरी नहीं होनी चाहिए क्योंकि ZAIKA परियोजना को एक विदेशी एजेंसी द्वारा वित्तय मदद दी जा रही है।

राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल(NGT) ने यह निर्देश पारित किए हैं

  • दिल्ली जल बोर्ड प्राथमिकता से ZAIKA परियोजनाओं को शुरु करे और खासकर उन्हें जो चरण 2 में आती हैं और अगर कोई गड़बड़ी होती है तो संबंधित अधिकारी को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
  • दिल्ली जल बोर्ड काम ना कर रही 10 नालियों को सील करना सुनिश्चित करे ताकि किसी तरह का रिसाव ना हो और साथ ही वहां 24 घंटे पंप चले और उसके लिए लगातार बिजली मिलती रहे।
  • ओखाला एसटीपी का ZAIKA परियोजना के तहत उन्नयन कर उसे पुरःस्थापित करना है

आखिर में, बेंच ने आदेश दिया कि यह सभी काम दो सप्ताह के अंदर पूरे हो जाने चाहिए।

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