Supreme Court ने 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपा दिल्‍ली में अधिकारियों पर नियंत्रण से जुड़ा मामला

Supreme Court: दिल्‍ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार दिल्ली में नौकरशाहों की नियुक्ति और स्थानांतरण से जुड़े इस अध्यादेश का विरोध कर रही है।

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Supreme Court on Delhi Govt
CM of Delhi Arvind Kejriwal

Supreme Court: दिल्ली सरकार के अधिकारियों पर नियंत्रण से जुड़े केंद्र के अध्यादेश के मामले की सुनवाई गुरुवार को हुई।सुप्रीम कोर्ट ने मामला 5 जजों की संविधान पीठ को सौंप दिया है।
सीजेआई ने गुरुवार को कहा कि इस बात पर लंबी सुनवाई जरूरी है।सेवाओं को अध्यादेश के जरिए दिल्ली विधानसभा के दायरे से बाहर कर देना सही है या नहीं। ये अध्यादेश केंद्र सरकार ने बीती 19 मई को जारी किया था।
वहीं दिल्ली के एलजी की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुनवाई के दौरान कहा कि संसद में बिल पेश हो जाने के बाद अध्यादेश के मसले पर विचार की जरूरत ही नहीं रहेगी। इस पर सीजेआई ने कहा कि हम तब तक इंतजार नहीं कर सकते।

दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने संविधान पीठ में जल्द सुनवाई की मांग की। जिसपर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आदेश शाम तक अपलोड किया जाएगा। उसमें सुनवाई की तारीख भी बताई जाएगी।

Supreme Court on Govt of Delhi
Supreme Court

Supreme Court: आप सरकार कर रही विरोध

Supreme Court: दिल्‍ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार दिल्ली में नौकरशाहों की नियुक्ति और स्थानांतरण से जुड़े इस अध्यादेश का विरोध कर रही है।

केंद्र की ओर से जारी किए गए इस अध्यादेश में दानिक्स कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही और तबादलों के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान है।

Supreme Court: मॉनसून सत्र में पेश होगा विधेयक

Supreme Court: केंद्र सरकार गुरुवार से शुरु हुए संसद के मॉनसून सत्र में इस अध्यादेश को लेकर विधेयक भी पेश करने वाली है। आम आदमी पार्टी इस अध्यादेश का पुरजोर विरोध कर रही है। आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात भी कर चुके हैं।

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी दलों से संसद में इस अध्यादेश को लेकर पेश किए जाने वाले बिल का विरोध करने का आग्रह किया। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी को सपोर्ट करने का आश्वासन दिया है।

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