तीस्‍ता सीतलवाड़ को Supreme Court से बड़ी राहत, कड़ी चेतावनी के साथ दी जमानत

Supreme Court: साल 2013 में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी के 12 लोगों ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा था।तीस्ता के खिलाफ विदेशी फंड मामले में जांच की अपील की थी। साल 2002 गुजरात दंगों में इसी सोसायटी के 69 लोग मारे गए थे।

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Supreme Court on Teesta Seetalvad bail
Teesta Seetalvad

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने साल 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में कथित तौर पर सबूत गढ़ने के एक मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्‍ता सीतलवाड़ को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने बुधवार को सुनवाई के बाद उन्‍हें नियमित जमानत दे दी।उन्‍हें कड़ी चेतावनी भी दी गई कि इस मामले में गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगी। इसके साथ ही वह गवाहों से दूर रहेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईैकोर्ट के उस आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें उनकी नियमित जमानत की याचिका खारिज कर दी गई थी।

Supreme Court on Teesta Seetalvad today
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में कथित तौर पर सबूत गढ़ने के एक मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्‍ता सीतलवाड़ को बड़ी राहत दी है।

Supreme Court:कौन हैं तीस्‍ता सीतलवाड़?

Supreme Court: तीस्ता सीतलवाड़ गुजरात दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के नाम बनी ‘सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस’ नामक गैर सरकारी संगठन की सचिव हैं। उनकी संस्था ने कोर्ट में याचिका दायर कर नरेंद्र मोदी और अन्य 62 लोगों के खिलाफ दंगों में सहभागिता का आरोप लगाया था।आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी।तीस्ता सीतलवाड़ के पिता अतुल सीतलवाड़ वकील थे।दादा एमसी सीतलवाड़ देश के पहले अटॉर्नी जनरल थे।तीस्ता ने पत्रकारिता भी की है और उनके पति जावेद आनंद का नाता भी मीडिया से रहा है।

Supreme Court: विदेशी फंड में गड़बड़झाले का आरोप

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Supreme Court on Teesta Seetalvad today सुप्रीम कोर्ट ने साल 2002 के सामाजिक कार्यकर्ता तीस्‍ता सीतलवाड़ ।

Supreme Court: साल 2013 में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी के 12 लोगों ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा था।तीस्ता के खिलाफ विदेशी फंड मामले में जांच की अपील की थी। साल 2002 गुजरात दंगों में इसी सोसायटी के 69 लोग मारे गए थे। जिनमें कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी थे। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि तीस्ता ने सोसायटी में म्यूजियम बनाने का वादा किया था।इसके लिए विदेशों से आए करीब डेढ़ करोड़ रुपयों के साथ घालमेल किया।

जनवरी 2014 में तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद के अलावा एहसान जाफरी के बेटे तनवीर और दो अन्य के खिलाफ अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस ने जांच के बाद दावा किया था कि तीस्ता और जावेद ने म्यूजियम के लिए जुटाए विदेशी रुपयों से क्रेडिट कार्ड के बिल चुकाए, जिनसे गहने और शराब खरीदी थी। गुजरात सरकार ने कहा था कि अमेरिका स्थित फोर्ड फाउंडेशन से तीस्ता ने अपने एनजीओ के लिए जो पैसे जुटाए, उनका इस्तेमाल उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और भारत की छवि खराब करने के लिए किया. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फोर्ड फाउंडेशन को निगरानी सूची में डाल दिया था।इसके बाद तीस्ता पर सीबीआई केस शुरू हुआ।
दूसरी तरफ तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद का कहना है कि उनके खिलाफ कार्रवाई द्वेषपूर्ण और प्रायोजित है। इतना ही नहीं उन्‍होंने गुजरात सरकार पर उन्हें कानूनी पचड़ों में फंसाए रखने का आरोप लगाया था।

तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात दंगों से जुड़ा केस लड़ने वाली याचिकाकर्ता जाकिया जाफरी का समर्थन किया था। जाकिया जाफरी गुजरात की गुलबर्ग सोसायटी में दंगों में मारे कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं।उन्होंने गुजरात दंगों पर आधारित एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट को अदालत में चुनौती दी थी।उसे सार्वजनिक करने की मांग की थी।जाकिया ने पहले गुजरात कोर्ट का रुख किया था फिर सुप्रीम कोर्ट गई थीं। एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य 63 अधिकारियों को क्लीन चिट दी गई थी।

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