महात्मा गांधी की हत्या की दोबारा जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट पहले यह तय करेगा कि इस मामले में सुनवाई की जाए या नहीं? सोमवार (19 फरवरी) को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता पंकज फडनिस की ओर से कोर्ट में कहा गया कि वह कोर्ट के सामने सीलबंद लिफाफे में कुछ सुबूत देना चाहते है।  लेकिन सरकार ने इसे जब्त कर लिया है। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप एक हलफनामा दाखिल कर बतायें कि ये दस्तावेज मामले में क्यों महत्वपूर्ण है। उसके बाद कोर्ट विचार करेगा। मामले की सुनवाई अब 6 मार्च को होगी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसने न्यूयार्क से कुछ दस्तावेज मंगाए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि इसमें चिट्ठियों की तस्वीरें हैं।  कोर्ट ने कहा कि तकनीक बढ़ चुकी है और हम ये तय करेंगे कि मामले कि सुनवाई की जाए या नही? कोर्ट ने कहा कि पचास साल गुजर चुके हैं हैं और कई गवाहों की मौत हो चुकी होगी और तमाम सूबत नष्ट हो चुके होंगे।

दरअसल पंकज फड़नीस ने याचिका दायर कर कहा है कि गांधीजी की हत्या में किसी विदेशी एजेंसी का हाथ हो सकता है इसके अलावा ‘तीन बुलेट की कहानी’ पर प्रश्न चिह्न लगाने के साथ यह सवाल भी उठाया गया है कि क्या नाथूराम गोडसे के अलावा किसी अन्य व्यक्ति ने चौथी गोली भी दागी थी?

हालांकि बता दें कि सु्प्रीम कोर्ट ने इस मामले में पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और सीनियर वकील अमरेन्द्र शरण को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था। उन्होंने जरूरी कागजातों की जांच करने के बाद कोर्ट में जानकारी दी है कि बापू की हत्या करने में उन्हें किसी दूसरी थियूरी होने के सबूत नहीं मिले हैं।

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