Supreme Court का बड़ा फैसला, नोटंबदी को बताया वैध, सभी 59 याचिकाएं खारिज

Supreme Court: केंद्र सरकार के नवंबर 2016 के 1,000 रुपये और 500 रुपये के करेंसी नोटों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली करीब 59 याचिकाओं को रद्द कर सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को वैधानिक करार दिया।

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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की।पूरे मामले पर शीर्ष अदालत ने सरकार की कार्रवाई को सही ठहराते हुए नोटबंदी को वैध बताया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्थिक फैसले को पलटा नहीं जा सकता है।

केंद्र सरकार के नवंबर 2016 के 1,000 रुपये और 500 रुपये के करेंसी नोटों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली करीब 59 याचिकाओं को रद्द कर सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को वैधानिक करार दिया। सरकार के इस कदम ने रातों-रात 10 लाख करोड़ रुपये सर्कुलेशन से वापस ले लिए थे। न्यायमूर्ति एसए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया।

Supreme Court: जानिए पूरे मामले में किसने क्‍या दलील दी?

सरकार ने पिछले साल 9 नवंबर को दाखिल हलफनामे में कहा था कि 500 और 1000 के नोटों की तादाद बहुत ज्यादा बढ़ गई थी। इसीलिए फरवरी से लेकर नवंबर तक RBI से विचार-विमर्श के बाद 8 नवंबर को इन नोटों को चलन से बाहर करने यानी नोटबंदी का फैसला लिया गया था।

जबकि इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने दलील देते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 26 (2) किसी विशेष मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों को पूरी तरह से रद्द करने के लिए सरकार को अधिकृत नहीं करती है। धारा 26 (2) केंद्र को एक खास सीरीज के करेंसी नोटों को रद्द करने का अधिकार देती है, न कि संपूर्ण करेंसी नोटों को।

Supreme Court: सरकार ने किया नोटबंदी के फैसले का बचाव

सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने नोटबंदी के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि यह जाली करंसी, टेरर फंडिंग, काले धन और कर चोरी जैसी समस्याओं से निपटने की प्लानिंग का हिस्सा और असरदार तरीका था। यह इकोनॉमिक पॉलिसीज में बदलाव से जुड़ी सीरीज का सबसे बड़ा कदम था। केंद्र ने यह भी दलील दी थी कि नोटबंदी का फैसला रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की सिफारिश पर ही लिया गया था।

केंद्र ने अपने जवाब में यह भी कहा कि नोटबंदी से नकली नोटों में कमी, डिजिटल लेन-देन में बढ़ोत्तरी, बेहिसाब आय का पता लगाने जैसे कई लाभ हुए हैं। अकेले अक्टूबर 2022 में 730 करोड़ का डिजिटल ट्रांजेक्शन ​​​​​​हुआ, यानी एक महीने 12 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन रिकॉर्ड किया गया है। जो 2016 में 1.09 लाख ट्रांजैक्शन, यानी करीब 6,952 करोड़ रुपए था।

Supreme Court: मोदी ने की थी नोटबंदी की घोषणा

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को देश के नाम संदेश में रात 12 से 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था। उस समय सरकार को उम्मीद थी कि नोटबंदी से कम से कम 3-4 लाख करोड़ रुपये का काला धन बाहर आ जाएगा। हालांकि, पूरी कवायद में 1.3 लाख करोड़ रुपए का काला धन ही सामने आया।

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