दिल्‍ली में दुष्‍कर्म की शिकार हुई 8 महीने की बच्‍ची को बेहतर इलाज के लिए एम्स में भर्ती करवाया गया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में बच्चियों के साथ हुए दुष्‍कर्म के मामलों का भी संज्ञान लिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से अदालतों में लंबित ऐसे मामलों विस्तृत जानकारी मांगी है।

दिल्ली में 8 महीने की बच्ची के साथ हुए बलात्कार के मामले में गुरुवार (1 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि बच्ची को बेहतर इलाज के लिए एम्स में भर्ती करवाया गया है। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पीएस नरसिम्हा ने कोर्ट को ये जानकारी दी। साथ ही कोर्ट के सामने डॉक्टरों की रिपोर्ट पेश की गई। इसके अलावा बच्ची के परिजनों को दिल्ली लीगल सर्विसेज अथॉरिटी यानी DLSA की ओर से 75 हजार रुपये भी दिए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आदेश दिया था कि अगर जरुरी हो तो बच्ची को बेहतर इलाज के लिए AIIMS लाया जाए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की अदालतों में लंबित पड़े 10 साल तक की बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण के मामलों की विस्‍तृत रिपोर्ट फाइल करने के लिए कहा है। देश की राजधानी में घटी इस घटना से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पाक्सो एक्ट के तहत लंबित मामले पेश करने के लिए कहा है। साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा है कि ऐसे कितने मामलों का निपटारा किया गया है? प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि इस मामले में तेजी से ट्रायल को बढ़ाया जाए…अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।

दिल्ली के शकूरबस्ती इलाके में आठ महीने की बच्ची से उसके रिश्तेदार भाई पर बलात्कार का आरोप है। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

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