Supreme Court ने दी CBSE के छात्रों को बड़ी राहत, अब Improvement Exam से नहीं घटेंगे नंबर

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Assam CEE 2022
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Supreme Court ने CBSE के उस नियम को खारिज कर दिया है जिसके तहत सुधार परीक्षा में मिले नंबर ही परीक्षार्थी के आखिरी नंबर माने जाते थे। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अब विद्यार्थियों के पास यह विकल्प रहेगा कि वह मुख्य परीक्षा और सुधार परीक्षा दोनों में से जिसके अंक लेना चाहते हैं वो लें।

Supreme Court
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बता दें कि पहले के नियम के चलते छात्रों को यह डर रहता था कि अगर वे इंप्रूवमेंट के लिए जाते हैं तो हो सकता है कि जो उनके नंबर परीक्षा में आएंं हैं वो भी कम न हो जाएं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद छात्रों को बड़ी राहत मिली है और अब वो बिना किसी डर के इंप्रूवमेंट परीक्षा के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने CBSE की पालिसी की रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि उम्मीदवार को किसी भी परीक्षा, वास्तविक मुख्य परीक्षा और सुधार परीक्षा में प्राप्त अंकों के बीच ज्यादा अंक पाए हुए मूल्यांकन को चुनने का विकल्प दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने CBSE की पालिसी को रद्द करते हुए कहा कि यह एक नीतिगत निर्णय है। इसके अलावा CBSE ने ऐसा कोई कारण नहीं दिया है कि इस तरह की नीति क्यों अपनाई गई?

एम खानविलकर और सीटी रवि कुमार की खंडपीठ ने की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में एम खानविलकर और सीटी रवि कुमार की खंडपीठ ने कहा की कोर्ट में याचिका उन छात्रों ने दायर की है जिन्‍होंने पिछले साल Marks Improvement के लिए अप्लाई किया था। इन लोगों को अपत्ति CBSE Policy के क्लॉज़ 28 पर थी जिसके मुताबिक Improvement परीक्षा में जो छात्र के नंबर आएंगे वहीं अंतिम अंक माने जाएंगे चाहे उसके पहले छात्र के मुख्‍य परीक्षा में Improvement परीक्षा से ज्‍यादा नंबर आएं हों।

CBSE Improvement Exam New Rules
Student (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि छात्रों की शिकायत है कि यह कंडीशन पहले की स्‍कीम के बदले डाली गई है। उस स्‍कीम में छात्रों द्वारा एक विषय में प्राप्त दो अंकों में से जो बेहतर होता था उसे अंतिम रिजल्‍ट माना जाता था।

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