SC on CAA Notification : CAA पर केंद्र सरकार को बड़ी राहत, SC एन रोक लगाने से किया इनकार, भारत सरकार को भेजा नोटिस

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केंद्र सरकार को CAA पर बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने समान नागरिक संहिता (सीएए) के लिए जारी की गई अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर 8 मई तक जवाब देने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी।

केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉल‍िस‍िटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कोर्ट से मामले में जवाब देने के लिए समय मांगा वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए इंदिरा जयसिंह ने दलील दी क‍ि इस कानून पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए और इसे बड़ी बेंच के सामने भेजा जाना चाहिए। दोनों हीे पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए करीब 3 हफ्ते का समय दिया। 

CAA पर कोर्ट ने क्या कहा ?

सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि मामले में कोर्ट के पास 236 से अधिक याचिकाएं आई हैं, हम सभी याचिकाओं पर भी नोटिस जारी कर तारीख दे देते हैं। कोर्ट ने कहा, “केंद्र सरकार ने सीएए नोटिफिकेशन पर रोक की मांग वाली याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगा है और हमें लगता है कि उन्हें समय देना चाहिए। इसपर याचिकाकर्ता की मांग थी कि तब तक के लिए नोटिफिकेशन के लागू होने पर रोक लगाई जानी चाहिए।”

CAA नोटिफिकेशन रोक पर कपिल सिब्बल की दलील

CAA नोटिफिकेशन रोक मामले पर पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, “सीएए के संसद से पारित होने के 4 साल और तीन महीने बाद इसे लागू किया गया है। एक बार व्यक्ति को नागरिकता दे दी गई, तो उसे वापस लेना मुश्किल हो जाएगा इसलिए इसपर तुरंत रोक लगनी चाहिए। केंद्र सरकार अगर जवाब देने के लिए समय चाहती है, वो ठीक है, पर नोटिफिकेशन पर अभी ही रोक लगनी चाहिए।”

SG तुषार मेहता बोले – “CAA से किसी की भी नागरिकता को खतरा नहीं…’

मामले में केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “237 मुख्य याचिकाएं हैं, 20 से अधिक नए आवेदन हैं, जो कानून लागू होने के बाद दाखिल हुए हैं। ऐसे में सरकार को इन सब पर जवाब देने में समय लगेगा।” केंद्र सरकार की ओर से जवाब देने के लिए 4 हफ्ते का समय मांगा। इस दौरान तुषार मेहता ने आश्वासन देते हुए कहा कि सीएए लागू होने से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। यह कानून कुछ लोगों को नागरिकता देने के लिए है, जो एक तय समय (2014) से पहले देश में बाहर से लोग (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक) आए थे।

SG तुषार मेहता ने यह भी कहा कि किसी को नागरिकता मिले या ना मिले लेकिन इससे याचिकाकर्ताओं को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।

मामले की सुनवाई में बलूचिस्तान हिन्दू पंचायत की ओर से पेश हुए अधिवक्ता रंजीत कुमार ने कहा कि हम काफी वक्त से भारतीय नागरिकता के लिए संघर्ष में जुटे हुए हैं। अब जब हमें नागरिकता दी जा रही है तो बाधा नहीं डालनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें नागरिकता मिलने से किसी को क्या दिक्कत?”

बता दें की केंद्र सरकार ने 11 मार्च, 2024 को देश में सीएए लागू कर दिया। साल 2019 के दिसंबर महीने में CAA को भारतीय संसद में पारित कर दिया गया था। उस समय सीएए को लेकर देशभर में कई प्रोटेस्ट भी हुए थे जिसमें से शाहीन बाग का आंदोलन बहुत प्रचलित हुआ था।

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