चाचा-भतीजे में एक सीट पर तकरार, पशुपति पारस हुए NDA से बाहर…चिराग पासवान पर NDA इतना महरबान क्यों?

0
13

Chirag Paswan vs Pashupati Paras: बिहार में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) के बीच लोकसभा सीटों के बंटवारे पर सहमति बन चुकी है। कुछ समय से चल रही खीचतान के बाद आखिरकार एनडीए में शामिल सभी दलों के बीच सहमति बन ही गई। एनडीए के बीच बीते दिन यानी सोमवार को बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों पर सहमति बनी। राज्य में सबसे अधिक 17 लोकसभा सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ेगी। वहीं जनता दल यूनाइटेड (JDU) 16 सीट पर उम्मीदवार उतारेगी। जबकि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5 सीटें हासिल हुई हैं और बची हुई दो सीटों में से एक पर हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा (हम) और एक सीट पर उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा चुनाव लड़ेगी। वहीं चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली, जिससे नाराज होकर उन्होंने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।

पशुपति पारस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने एनडीए छोड़ने की जानकारी देते हुए कहा, “मैंने लगन और वफादारी से एनडीए की सेवा की, लेकिन हमारे साथ व्यक्तिगत तौर पर नाइंसाफी हुई।”

हैरानी की बात यह है कि पशुपति पारस मोदी सरकार में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं। इसके बावजूद भी उन्हें एक भी सीट नहीं दी गई। दरअसल, काफी समय से बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट के लिए चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच एनडीए में खींचतान चल रही थी। जहां एक ओर पशुपति पारस एनडीए में हाजीपुर सीट पर लोकसभा चुनाव दोबारा लड़ना चाहते थे। वहीं, चिराग पासवान भी इस सीट को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे। ऐसे में बीते दिन हुई सीट शेयरिंग में एलजेपी (रामविलास) के खाते में हाजीपुर, वैशाली, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई लोकसभा सीट आईं।

बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी में फूट पड़ गई थी। जिसके बाद एलजेपी दो गुटों में बंट गई थी। उस समय लोकसभा में एलजेपी के छह सांसद थे, जिसमें से पांच सांसद पारस गुट के साथ चले गए थे।

हालांकि, इस बार एनडीए ने युवा चिराग पासवान के साथ जाने का दांव चला है। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो बिहार में एलजेपी रामविलास गुट और चिराग पासवान की बढ़ती लोकप्रियता को बीजेपी और एनडीए भी इग्नोर नहीं कर पाए। ऐसे में, एनडीए ने चाचा का हाथ छोड़कर भतीजे को चुना। जिससे नाराज होकर पशुपति ने एनडीए से किनारा कर लिया। कयास लगाए जा रहे हैं कि पारस गुट अब लालू यादव की राजद (RJD) और इंडिया अलायंस के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ सकता है।

बिहार में BJP ड्राइविंग सीट पर

बिहार की राजनीति में चिराग पासवान लगातार सक्रिए रहे। उनकी लीडरशिप पर एनडीए ने भी अब भरोसा जताया है। बिहार में गठबंधन में यह पहली बार है जब बीजेपी ड्राइविंग सीट पर आई है। पहली बार बीजेपी जेडीयू से अधिक सीटों पर एनडीए गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली है। बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू ने 17-17 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था, जबकि एलजेपी ने 6 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here