Radia Tapes Controversy: नीरा राडिया से जुड़े 2010 में ऑडियो टेप लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस मामले में दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा की याचिका पर कोर्ट 8 साल बाद ये सुनवाई करेगा। अपनी याचिका में रतन टाटा ने कहा कि टेप लीक उनके निजता के अधिकार का हनन है। जस्टिस डीवाई चंद्रचू़ड़, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच मामले की सुनवाई करेगी।
Radia Tapes Controversy: 2011 में रतन टाटा ने दाखिल की थी याचिका
नीरा राडिया की उद्योगपतियों, पत्रकारों, सरकारी अधिकारियों और प्रमुख पदों पर बैठे अन्य लोगों के साथ फोन पर हुई बातचीत को एक दशक पहले की जांच के हिस्से के रूप में टेप किया गया था। इस टेप के लीक होने के बाद रतन टाटा ने 2011 में निजता का हनन को मुद्दा बनाकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। टाटा की ओर से दलील दी गई कि उनके फोन कॉल को बाहर से लीक किया जा रहा है, जो कि आर्टिकल 21(2) के खिलाफ है। इस याचिका पर आखिरी बार 2014 में सुनवाई की गई थी।
Radia Tapes Controversy: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच रिपोर्ट भी मांगी थी
इस मामले में जब कोर्ट में सुनवाई की गयी थी। तब टाटा की ओर से कॉर्पोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया की टेप में रिकॉर्ड बातचीत को मुहैया कराने की मांग की गई थी। 2011 में सुनवाई के दौरान रतन टाटा के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा था कि टेप पर रिकॉर्ड बातचीत की आयकर विभाग के महानिदेशक ने जो जांच रिपोर्ट बनाई है, उसे सौंपा जाए। ताकि वह इस मामले में टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं पर कानूनी कार्रवाई कर सके।
Radia Tapes Controversy: क्या है नीरा राडिया टेप केस?
नीरा राडिया की कंपनी टाटा समूह और मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के लिए जनसंपर्क का काम किया करती थी। 2010 में नीरा राडिया की विभिन्न उद्योगपतियों, राजनीतिज्ञों, अधिकारियों और पत्रकारों से फोन पर हुई बातचीत के करीब 800 टेप्स मीडिया के सामने लीक हुए थे।
इस बातचीत के बाद से ही 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में नीरा राडिया की भूमिका पर सवाल उठने लगे थे। इन टेप्स में देश के बड़े उद्योगपति रतन टाटा से फोन पर की गई बातचीत भी शामिल है।
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