बिहार के मुजफ्फरपुर के एक बालिका गृह में बच्चियों के यौन शोषण के मामले सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिया है कि देश भर में रेप के किसी भी मामले में नाबालिग पीड़ित के इंटरव्यू को किसी भी तरह से नहीं दिखाया जा सकता है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस बालिका गृह को मिली राशि के बारे में भी सवाल पूछे। साथ ही कोर्ट ने देश में महिलाओं के यौन शोषण की खबरों पर चिंता जताई कि इस देश को क्या होता जा रहा है?

मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यौन शोषण की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कई तीखे सवाल पूछे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा कि क्या NGO को पैसा बिना किसी उचित जांच के दिया गया था? क्या उसकी विश्वसनीयता की जांच हुई? जो अफसर लापरवाही बरत रहे थे, उनका क्या किया? इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि हमने समय-समय पर शेल्टर होम का ऑडिट और जांच कराई थी। मगर उस दौरान किसी ने उन्हें ऐसी जानकारी नहीं दी। मामले में शामिल लोगों पर एक्शन लिया गया है, गिरफ्तारी हुई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि आप 2004 से पैसा दे रहे है, वो भी बिना पड़ताल किये? कोर्ट ने ये भी पूछा कि क्या पीड़ित लड़कियों की कॉउंसलिंग की गई? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोग टैक्स अदा करते है और उनके पैसों से बिना जांचे परखे शेल्टर होम को फंड दे दिया जाता है। अब तक जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अभी तक पीड़ित लड़कियों को मुआवजा नहीं दिया गया।

एमिकस क्यूरी अर्पणा भट्ट ने कोर्ट को बताया कि कई सालों बाद 2017 में सोशल ऑडिट हुआ। लेकिन ऑडिट करने वालों ने केवल बालिका गृह के स्टाफ से ही बात की… बच्चियों से बात ही नहीं की। सुनवाई के दौरान जस्टिस मदन बी लोकुर ने तल्ख टिप्पणी की कि हर साल रेप के करीब 38 हज़ार मामले दर्ज हो रहे है। NCRB के आंकड़ों के मुताबिक हर 6 घंटे में एक महिला रेप का शिकार हो रही है। देश के हर हिस्से में ऐसे मामले सामने आ रहे है। इस देश को हो क्या गया है?

अब सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में रेप के किसी भी मामले में नाबालिग पीड़ित के इंटरव्यू और उसे किसी भी तरह से दिखाने पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने पीड़ितों के नाम फेसबुक पर उजागर करने के लिए आरोपी की पत्नी को भी गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा NCPCR और राज्य कमीशन रेप पीड़ित से बात कर सकते है बशर्ते उनके साथ मनोवैज्ञानिक हो। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि हालिया  NGO के बारे में किये गए सर्वे के बारे में रिपोर्ट पेश करे। मामले में सुनवाई अब 14 अगस्त को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था और पिछली सुनवाई में बिहार सरकार और केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठाया था। मुजफ्फरपुर जिला बालिका गृह में 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हुई है।

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