देश का सुप्रीम कोर्ट इस वक्त सर्दियों की छुट्टी के चलते बंद है लेकिन सुप्रीम कोर्ट की दो खंडपीठों ने मामलों की सुनवाई की है। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि सर्दियों की छुट्टियों में सुप्रीम कोर्ट में बेंच बैठी हो। इस बार खुद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा नें छुट्टी न लेकर मामलों की सुनवाई की।

चीफ जस्टिस की बेंच ने 22 और 26 दिसंबर को सड़क दुर्घटनाओं से जुड़े मामलों को निपटाया और 9 करोड़ रुपये के मुआवज़े के दावों को निपटारा किया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की खंडपीठ और जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की खंडपीठ ने जिन मामलों पर सुनवाई की उनमें कई मामले सालों सें लंबित हैं। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस संजय किशन कौल की खंडपीठ ने ज्यादातर इंश्योरेंस क्लेम, सड़क हादसे से जुड़े मामलों पर सुनवाई की। खंडपीठ ने एक ही दिन में 98 मामलों को सूचीबद्ध किया और जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस उदय उमेश ललित की पीठ ने सुनवाई के लिए 37 मामलों को सूचीबद्ध किया।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस संजय किशन कौल ने सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों के मुआवज़े के 31 मामलों में 5.43 करोड़ रुपये का निपटारा किया वहीं चीफ जस्टिस ने जस्टिस नवीन सिन्हा के साथ मिलकर भी 3.99 करोड़ रुपये के दुर्घटना दावों के 19 मामलों का निपटाया।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में त्योहारों के अलावा सर्दी में करीब एक पखवाड़े की छुट्टी रहती है लेकिन इस बार खुद चीफ जस्टिस ने इस प्रथा को तोड़ते हुए मामलों की सुनवाई की। इसके अलावा गर्मियों में भी छुट्टी रहती है हांलांकि वेकेशन बेंच सुनवाई करती है लेकिन इस बार गर्मियों की छुट्टियों में भी तत्कालीन चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई में पांच जजों की संविधान पीठ ने तीन तलाक मामले की नियमित सुनवाई की थी।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने 26 दिसंबर को देश के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को पत्र लिखकर एक बार फिर से अपील भी की है कि शनिवार को हाईकोर्ट में काम हो। चीफ जस्टिस ने लिखा है  ‘मैं एक बार फिर आपसे शनिवार को 10 साल से ज्यादा पुराने आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए काम करने की अपील करता हूं। ऐसा करने से वर्षों पुराने मामले सुलझ सकेंगे।’

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