Justice MR Shah के विदाई समारोह में भावुक हुए CJI; बोले-जस्टिस शाह से मेरा नाता बहुत पुराना, कई फैसलों पर किया पूरा सहयोग

Justice MR Shah: जस्टिस एम आर शाह ने कहा, "मैं सेवानिवृत्त होने वाला व्यक्ति नहीं हूं और मैं अपने जीवन की एक नई पारी की शुरुआत करने जा रहा हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना कर रहा हूं कि वह मुझे नई पारी के लिए शक्ति, साहस तथा अच्छा स्वास्थ्य दें।"

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CJI ON Justice MR Shah Farewell
CJI ON Justice MR Shah Farewell

Justice MR Shah:सुप्रीम कोर्ट के चौथे वरिष्ठ जज एमआर शाह के विदाई समारोह के मौके पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जस्टिस एमआर शाह के कार्यकाल को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने पूरी कर्तव्यनिष्ठा और लगन से अपने काम को किया। सीजेआई ने भावुक होते हुए कहा चाहे कोरोना काल हो या वर्तमान समय जस्टिस एमआर शाह ने अपने काम को पूरी तल्लीनता और एकाग्रता के साथ किया। उन्होंने कहा, “जस्टिस शाह से मेरा नाता तब का है जब मैं भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल था और हमारी दोस्ती तब गहरी हुई, जब वह (जस्टिस शाह) सुप्रीम कोर्ट आए। हम कोविड जैसे मुश्किल वक्त में एक साथ (पीठ में) बैठे थे।”

सुप्रीम कोर्ट के चौथे सबसे वरिष्ठ जज एमआर शाह अपने अंतिम कार्यदिवस पर बीते सोमवार यानी 15 मई को कोर्ट रूम में भावुक हो गए।उन्‍होंने कहा कि वह रिटायर होने वाले व्यक्ति नहीं हैं और वह जीवन में एक नई पारी की शुरुआत करेंगे। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली एक रस्मी पीठ में शामिल जस्टिस शाह अपने संबोधन के अंत में रो पड़े। उन्होंने राजकपूर के मशहूर गीत की पंक्तियां “जीना यहां, मरना यहां” को गाया.

जस्टिस एम आर शाह ने कहा, “मैं सेवानिवृत्त होने वाला व्यक्ति नहीं हूं और मैं अपने जीवन की एक नई पारी की शुरुआत करने जा रहा हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना कर रहा हूं कि वह मुझे नई पारी के लिए शक्ति, साहस तथा अच्छा स्वास्थ्य दें।” उन्होंने रुंधे गले से कहा, ” विदाई से पहले मैं राजकपूर के एक गीत को याद करना चाहता हूं- ‘कल खेल में हम हों न हों, गर्दिश में तारे रहेंगे सदा’।”

नवंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हुए जस्टिस शाह की सेवानिवृत्ति से शीर्ष कोर्ट में अब जजों की संख्या भारत के चीफ जस्टिस (CJI) समेत 32 रह जाएगी। इससे एक दिन पहले जस्टिस दिनेश माहेश्वरी सेवानिवृत्त हुए थे। सुप्रीम कोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 34 है।

 Justice MR Shah Farewell news

Justice MR Shah: CJI ने अपने जुड़ाव को याद किया

Justice MR Shah:जस्टिस एम आर शाह को विदाई देने के लिए गठित रस्मी पीठ की अगुवाई करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सेवानिवृत्त हो रहे जज के साथ अपने जुड़ाव को याद किया। उन्होंने कहा, “जस्टिस शाह से मेरा नाता तब का है जब मैं भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल था और हमारी दोस्ती तब गहरी हुई, जब वह (जस्टिस शाह) सुप्रीम कोर्ट आए। हम कोविड जैसे मुश्किल वक्त में एक साथ (पीठ में) बैठे थे।”

Justice MR Shah:पूरी कर्तव्‍यनिष्‍ठा से करते थे काम

Judge shah 2 min

Justice MR Shah:जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “वह कभी भी काम से भागने वाले व्यक्ति नहीं थे। अगर मैं उन्हें कोई फैसला भेजता तो वह रात भर में उनकी टिप्पणियों के साथ वापस आ जाता था।फैसला पूरी तरह पढ़ा हुआ होता था। अगर मैं उन्हें एक वरिष्ठ सहकर्मी के तौर पर कोई फैसला लिखने के लिए भेजता था तो वह भी उसी तरह 48 घंटे के भीतर मेरी मेज पर होता था।”

जस्टिस मुकेश कुमार रसिकभाई शाह का जन्म 16 मई 1958 को हुआ था और वह 19 जुलाई 1982 को वकील के रूप में पंजीकृत हुए। उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस की और भूमि, संविधान और शिक्षा मामलों में विशेषज्ञता हासिल की।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि वह काफी लंबे वक्त से जस्टिस शाह को जानते हैं। वह एक वकील की तरह निर्भीक हैं।उन्हें 7 मार्च 2004 को गुजरात हाईकोर्ट का अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया। 22 जून 2005 को स्थायी जज बनाया गया। जस्टिस शाह को 12 अगस्त 2018 को पटना हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया। उन्हें दो नवंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था।

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