Haldwani: 4000 घरों में फिलहाल नहीं होगी तोड़फोड़, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक; 7 फरवरी को अगली सुनवाई

0
67
Haldwani
Haldwani

Haldwani: उत्तराखंड के हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर रह रहे लोगों को घरों पर फिलहाल कोई तोड़फोड़ या कार्यवाही नहीं की जाएगी। इस मामले में कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से कई सवाल किए हैं। बता दें कि मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।

शीर्ष न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि 7 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई से पहले किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा और अगर किसी भी तरह का निर्माण कार्य किया जा रहा तो उस पर फौरन रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी मामले में राज्य सरकार और रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सरकार और रेलवे से कई तीखे सवाल किए हैं। जस्टिस कौल ने कहा कि इस केस को मानवीय नजरिए से देखना चाहिए।

Haldwani: 4000 घरों में फिलहाल नहीं होगी तोड़फोड़, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक; 7 फरवरी को अगली सुनवाई

बता दें कि हल्द्वानी में करीब 4400 हजार परिवार रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण करके रहते हैं। इस जमीन को हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर 2022 को रेलवे द्वारा खाली कराने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद 50 हजार लोगों के घरों पर खतरा मंडरा रहा था। लोगों को डर था कि कभी भी उनके घर पर बुलडोजर चल सकता है। इस फैसले को चुनौती देते हुए पीड़ित लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया और कोर्ट में याचिका दायर की। इस पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई करते हुए लोगों को राहत दी है।

Haldwani: सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

इस बात पर रेलवे की तरफ से ASG ऐश्वर्या ने कहा कि यह कदम एक दिन में नहीं उठाया गया है। इसकी पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है। ASG ने कहा कि ये पूरा मुद्दा अवैध खनन मामले के बाद शुरू हुआ था। कोर्ट ने इस पर कहा कि
रेलवे अपने विकास के साथ-साथ इन लोगों के पुनर्वास के लिए योजना बनाए। इस मामले में कोर्ट अगली सुनवाई 7 जनवरी को करेगा।

Haldwani: 4000 घरों में फिलहाल नहीं होगी तोड़फोड़, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक; 7 फरवरी को अगली सुनवाई

Haldwani: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का दिया था आदेश

दरअसल, 20 दिसंबर 2022 को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रेलवे को निर्देश दिया था कि एक सप्ताह का नोटिस देकर भूमि के अवैध अतिक्रमणकारियों को हटा दिया जाए। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कांग्रेस विधायक सुमित ह्रदयेश के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने याचिका दायर की थी। इसके बाद वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी याचिका दायर की। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इन सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रहा है।

Haldwani: विरोध में सड़कों पर उतरें लोग

Haldwani: 4000 घरों में फिलहाल नहीं होगी तोड़फोड़, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक; 7 फरवरी को अगली सुनवाई

बता दें कि उस क्षेत्र से कुल 4,365 अतिक्रमण हटाए जाने हैं। रेलवे की ओर से 2.2 किमी. तक बने मकानों और अन्य इमारतों को गिराने का काम शुरू हो गया था। जानकारी के मुताबिक, अब तक जिन पर बुलडोजर चला है उनमें 20 मस्जिदें, 9 मंदिर और स्कूल शामिल हैं। हल्द्वानी में अनधिकृत कॉलोनियों के हटाने जाने का न सिर्फ वहां के लोग विरोध कर रहे हैं बल्कि कई और लोग भी उनका समर्थन कर रहे हैं।

इस विरोध में हजारों लोग हल्द्वानी की सड़कों पर उतर आए हैं। इलाके में रह रहे 4 हजार से ज्यादा परिवारों के बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है, जिसमें अधिकतर मुस्लिम परिवार हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके पूर्वज यहां कई सालों से रह रहे थे। वे इस जगह को छोड़कर कहा जाएंगे। हर परिवार में छोटे बच्चे, महिलाएं, बूढ़े लोग हैं जिन्हें रातों-रात कहीं नहीं ले जाया जा सकता।

यह भी पढ़ें:

हल्द्वानी में 50 हजार लोगों के आशियाने पर छाया संकट, अतिक्रमण हटाने के फैसले पर SC करेगा सुनवाई

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here