सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश पद पर नियुक्ति के लिए कोलेजियम द्वारा उच्च न्यायालयों के चार मुख्य न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश किए जाने के 48 घंटे के भीतर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा चारों नामों को मंजूरी दे दिए जाने पर भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई ने हैरानी जताई है।Wednesday's day is historic For the country and Supreme Court gave judgement in three most imp cases

सीजेआई की अध्यक्षता और शीर्ष अदालत के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों की सदस्यता वाले कोलेजियम ने उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश पद पर नियुक्ति के लिए 30 अक्टूबर को चार न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश केंद्र से की थी। इन चारों न्यायाधीशों को शुक्रवार को पद की शपथ दिलाई गई।

उच्चतम न्यायालय की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों से शुक्रवार को एक अनौपचारिक बातचीत में सीजेआई ने कहा, हमने बुधवार को सुबह 11 बजे सिफारिश भेजी और बुधवार की शाम मुझे बताया गया कि मेडिकल (न्यायाधीशों की तरक्की के लिए होने वाली जांच) हो चुका है। इस पर मैं खुद बहुत हैरान था। मुझे यकीन नहीं हो रहा था। मैंने पूछा कि यह आप क्या कह रहे हैं। मैं भी आपके जितना ही हैरान हूं।Justice Ranjan Gogoi

इन न्यायाधीशों के शपथ लेने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की संख्या अब 28 हो गई है। जजों की संख्या बढ़ने पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग 14 बेंच मामलों की सुनवाई करेंगी। फिलहाल 3 जजों वाले 5 कोर्ट चलते हैं। 28 जज होने के बाद 14 खंडपीठ होंगी जो अलग-अलग मामले तेजी से निपटाएंगी।

वहीं उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा कि अक्सर वादियों-प्रतिवादियों को अंग्रेजी समझने में दिक्कत होती है। ऐसे में इस पहल के बाद सुप्रीम कोर्ट उन्हें अपने फैसलों की प्रतियां उनकी मातृभाषा में मुहैया करा सकता है। इसकी शुरुआत हिंदी भाषा में कर सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने अलग-अलग संख्याबल वाली पीठों द्वारा मामलों के निपटारों को लेकर कहा कि सोमवार और शुक्रवार को अदालत कई तरह के मामलों पर सुनवाई करती है। तीन जजों की कई पीठों की जरूरत नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here