देश भर के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के मामलें में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपना जवाब दाखिल नहीं करने पर नाराज़गी जताई है। मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा बेहद गंभीर मामला है। कोर्ट ने सभी प्रदेशों से कहा है कि वह 19 जनवरी तक अपना जवाब दाखिल करें। सोमवार (8 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट में केवल कर्नाटक, हरियाणा और हिमाचल की तरफ से ही अपना जवाब दाखिल किया गया।  कोर्ट अब 23 जनवरी को अगली सुनवाई करेगा।

वहीं निजी स्कूलों कि तरफ से कोर्ट में कहा गया कि निजी स्कूलों की लिए पहले ही कई गाइड लाइन हैं लेकिन सरकारी स्कूलों के लिए नहीं हैं। ऐसे में हमारा हित प्रभावित होगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको जो कहना है 23 जनवरी को मामले की सुनवाई के दौरान कहें। पिछली सुनवाई में नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इस मामले में उन्हें पक्ष बनाने की मांग की थी। स्कूल फेडरेशन का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट का इस मामले में को भी आदेश आएगा उससे वो प्रभावित होंगे और ऐसे में उनका पक्ष भी सुना जाए। वहीं इस मामले में केंद्र सरकार ने कहा है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर पहले से पर्याप्त गाइड लाइन हैं।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में छात्र की हत्या के बाद स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बनाने के मामले में दाखिल याचीका पर सुनवाई कर रहा है। इस याचिका में कहा गया है कि रेयान की घटना के बाद से देश भर के अभिभावकों में डर का माहौल है। बच्चों की सुरक्षा के लिए जो पॉलिसी और नियम तैयार की गए हैं ज्यादातर स्कूल उसका पालन नहीं करते हैं।

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