‘दो बच्चे के कानून’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। बीजेपी नेता अश्वनी उपाधयाय ने याचिका दाखिल कर कहा है कि सांसद, विधायक और निगम पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए ‘ टू चाइल्ड नॉर्म ‘ को अनिवार्य कर दिया जाए।

याचिका में ये भी कहा गया है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी का सदस्य बनने के लिए किसी भी सरकारी नौकरी में आवेदन के लिए और सरकारी द्वारा दी जाने वाली किसी भी सुविधा का लाभ लेने के लिए ‘टू चाइल्ड नॉर्म ‘ को अनिवार्य किया जाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे कि ‘ दो बच्चे के कानून’  को लाने के लिए हर संभव कदम उठाए। याचिका में दावा किया गया है कि सरकार ने देश की आबादी को नियंत्रित करने के लिए कोई उचित नीति नहीं लागू की है। इसमें कहा गया है कि भारत 2030 तक दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश हो जाएगा।

इससे पहले भी देश की बढ़ती आबादी पर सख्ती से नियंत्रण की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। याचिकाएं एडवोकेट अनुज सक्सेना, पृथ्वी राज चौहान और प्रिया शर्मा के जरिये दाखिल की गई हैं। इनमें भी केंद्र सरकार को दो बच्चों की नीति लागू करने के निर्देश देने की अपील की गई है। साथ ही इसका पालन नहीं करने वालों के लिए सजा और मानने वालों के लिए प्रोत्साहन की भी मांग की गई है।

जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि बेरोजगारी, गरीबी, निरक्षरता, खराब स्वास्थ्य, प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जनसंख्या विस्फोट के शुरुआती प्रभाव हैं। भारत के पास सबसे अधिक युवा बल है और जनसंख्या विस्फोट के कारण युवाओं में बेरोजगारी बढ़ रही है। एक सामाजिक कार्यकर्ता अनुपम बाजपेयी ने भी 12 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा कर कहा था कि बढ़ती आबादी के कारण देश के सीमित प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है और उसका लगातार क्षरण हो रहा है।

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