निर्भया केस में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों का डेथ वारंट जारी करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाइकोर्ट के पांच फरवरी को दिए आदेश के मुताबिक एक सप्ताह का समय 11 फरवरी को पूरा होता है और अक्षय की दया याचिका छह फरवरी को राष्ट्रपति ख़ारिज कर चुके हैं। इसलिए कोर्ट से नया डेथ वारंट जारी कराने के लिए दिल्ली सरकार कुछ समय बाद नई अर्जी लगाए।

वहीं कोर्ट के फैसले पर निर्भया की मां आशा देवी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अदालत ने आज भी डेथ वारंट जारी नहीं किया है जबकि कोई केस लंबित नहीं था। अदालत के पास शक्ति थी और हमारे पास समय था। उन्होंने कहा कि यह हमारे साथ अन्याय है। उन्होंने आगे कहा कि हम भी देखेंगे कि अदालत कब तक दोषियों को समय देती है और सरकार उन्हें समर्थन करती है।

राज्य सरकार ने इस मामले में निचली अदालत से दोषियों के लिए फांसी की नई तारीख जारी करने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि आज (शुक्रवार) यहां सुनवाई है। यह सुनकर जज ने उन्हें नियम-कानून पर जिरह करने की बात कही।

कोर्ट में निर्भया की मां आशा देवी के वकील जितेंद्र झा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के 7 दिन के दिए समय को सुप्रीम कोर्ट ने कंफर्म कर दिया है।

जबकि दोषी मुकेश के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में नोटिस भी नहीं किया, इस दौरान वहां मौजूद पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने कोर्ट से कहा कि नया डेथ वारंट जारी कर सकते हैं। इस दौरान जज ने सवाल किया कि हाईकोर्ट के सात दिन का क्या करेंगे? इस दौरान वहां मौजूद पब्लिक प्रॉसिक्यूटर शत्रुघ्न चौहान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 14 दिन का समय हम दोषियों को देते हैं, ऐसे में 7 दिन तो इन्हें मिलेंगे।

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