15 अगस्त से आपको फ्लाइट में फोन करने की आजादी मिल सकती है। ये ही नहीं आप फ्लाइट में इंटरनेट का इस्तेमाल भी कर पाएंगे। बताया जा रहा है कि दूरसंचार विभाग ने इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी की गाइडलाइंस तैयार कर ली हैं। अब इन पर उड्डयन और गृह मंत्रालय से राय मांगी गई है। खबर है कि फाइनल गाइडलाइन अगस्त में आ सकती है। सब कुछ वक्त पर हुआ तो आप 15 अगस्त से फ्लाइट में अपना फोन चला पाएंगे।

ट्राई के सिफारिशों के अनुसार जो कंपनियां हवाई जहाज में ये सुविधा देना चाहेगी, उन्हें इसके लिए अलग से लाइसेंस लेना होगा। प्रस्ताव के अनुसार ये सुविधा भारतीय वायुसीमा के अंदर घरेलू और विदेशी, दोनों तरह के यात्रियों को मिलेगी। इस सुविधा के लिए सरकार को मौजूदा टेलिग्राफ ऐक्ट में भी बदलाव करना पड़ेगा।

स्पाइसजेट और जेट एयरवेज सेवाएं देने के लिए पहले ही अपनी रुचि दिखा चुकें है। इन फ्लाइट सर्विस प्रोवाइडर को 1 रुपए में इसका लाइसेंस मिलेगा। लेकिन, टेक-ऑफ लैंडिंग के वक्त बात नहीं हो पाएगी। विदेशी एयरलाइंस में पहले से ये सर्विस जारी है। भारत में गाइडलाइंस न होने से ये सर्विस नहीं देते थे।

दूरसंचार विभाग की सर्वोच्च नीति निर्माता संस्था ने बैठक के दौरान इंटरनेट टेलिफोनी पर ट्राई की सिफारिश को भी हरी झंडी दे दी है। खास तकनीक ‘मोबाइल कम्युनिकेशन सर्विस ऑन बोर्ड एयरक्राफ्ट की सुविधा से अब हवाई जहाज में मोबाइल से कॉल करना या डेटा का इस्तेमाल करना आसान हो गया है। इसके आने के बाद दुनिया की 30 प्रमुख एयरलाइंस कंपनियां यात्रियों को विमान में कॉल और नेट की सुविधा देने लगी है। हवाई जहाज में मोबाइल फोन नेटवर्क एक पोर्टबेल टावर की मदद से चल सकता है। ये मशीन टेलिकॉम कंपनियों की मदद से एयरलाइंस कपंनियां लगा सकती हैं।

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