उत्तरप्रदेश में आदित्यनाथ योगी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद ही राज्य सरकार ने अपना काम काज शुरू कर दिया है। शपथ लेने के बाद पहली बार मीडिया से मुख़ातिब होते हुए नए मुख्यमंत्री ने बहुत सधे हुए अंदाज़ में अपनी सरकार की प्राथमिकता के साथ एजेंडे को मीडिया के सामने रखा। हिंदूवादी नेता और अनर्गल बयानों की छवि के साथ सबसे बड़े राज्य के सत्ता के सिंघासन पर पहुंचे फायरब्रांड नेता के काम करने की शैली को लेकर लगाये जा रहे कयासों के बीच उन्होंने अपने इरादे स्पष्ट करते हुए कहा कि किसी भी वर्ग या संप्रदाय से किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जायेगा।
मीडिया से बातचीत के दौरान उनके बयान से यह तो साफ़ है कि यूपी सरकार केंद्र की मोदी सरकार की राह पर चलेगी। इसमें एजेंडा सबके साथ और सबके विकास का होगा। मोदी की रणनीति अपनाते हुए योगी ने अपने मंत्रियों को पंद्रह दिनों के अन्दर अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने को कहा साथ ही साथ नेताओं से अनाप शनाप बयान न देने की बात भी कही है।
उत्तरप्रदेश में प्रचंड बहुमत मिलने और जनता की उम्मीदों पर खरे उतरने की चुनौती के बीच योगी ने अधिकारियों से लेट लतीफी छोड़ वक्त का पाबन्द होने की हिदायत भी दी है। अधिकारियों के लिए इस आदेश की तामिल और पुराने ढर्रे से निपटना भी टेढ़ी खीर साबित होगी।
इससे पहले अदित्यनाथ योगी के साथ दो उप–मुख्यमंत्रियों और 44 अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इन मंत्रियों में कई बड़े नाम शामिल हैं। मंत्रिमंडल में धर्म और जाति समीकरण को साधने की पूरी रणनीति अपनाते हुए किसी को नाराज नहीं किया गया है। विभागों का बंटवारा अभी नहीं किया गया है। इसके आज शाम तक होने की संभावना है। योगी के मंत्री मंडल में 22 कैबिनेट और 13 राज्य मंत्री शामिल किए गए हैं। इसमें सबसे अधिक पूर्वांचल से 17 मंत्रियों को कैबिनेट में जगह मिली है। 17 ओबीसी चेहरे भी कैबिनेट में शामिल किए गए हैं।
योगी मंत्रिमंडल में कैबनेट मंत्री के रूप में सूर्य प्रताप शाही, सुरेश खन्ना, स्वामी प्रसाद मौर्य, सतीश महाना, राजेश अग्रवाल, रीता बहुगुणा जोशी, दारा सिंह चौहान, धरम पाल सिंह, एसपी सिंह बघेल, सत्यदेव चौधरी, रमापति शास्त्री, जयप्रताप सिंह, ओम प्रकाश राजभर, ब्रजेश पाठक, लक्ष्मी नारायण चौधरी, चेतन चौहान, श्रीकांत शर्मा, राजेंद्र प्रताप सिंह, सिद्धार्थ नाथ सिंह, मुकुट बिहारी वर्मा, आशुतोष टंडन और नंद गोपाल नंदी को शामिल किया गया है।
राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में अनुपमा जयसवाल, सुरेश राणा, उपेन्द्र तिवारी, डॉ. महेन्द्र कुमार सिंह,धर्म सिंह सैनी, अनिल राजभर और स्वाती सिंह को जगह दी गई है।
इनके अलावा राज्यमंत्री के रूप में गुलाब देवी, जयप्रकाश निषाद, अर्चना पांडे, अतुल गर्ग, रणवेंद्र प्रताप सिंह, मोहसिन रजा को भी योगी कैबिनेट में अहम स्थान दिया गया है।
शपथ ग्रहण के बाद योगी से भाजपा और यूपी की जनता को काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में अपने इरादे स्पष्ट करते हुए योगी ने युवाओं के लिए रोजगार,कानून व्यवस्था और तीव्र विकास को आधार बना अपना कार्यभार संभाल लिया है। शपथ ग्रहण के बाद योगी समर्थकों ने पूरे प्रदेश में जश्न मनाया और मिठाइयाँ बांटी।