देश की राजधानी दिल्ली, इसे भारत का दिल कहते हैं। सुनने में लगता है कि, इस दिल में सारी सुविधा होगी क्योंकि, ये मंत्रियों का शहर है। लेकिन आप गलत हैं यहां तो कोरोना का कहर है। देश में सबसे बुरा हाल कोरोना मरीजों का दिल्ली में देखा जा रहा है। राजधानी में हर दिन 300 से अधिक लोगों की मौत कोरोना के कारण हो रही है। इतनी मौत की लाशों को जलाने के लिए जगह कम पड़ गई है। हरे भरे पार्क को श्मशान घाट में बदला जा रहा है। सड़कों पर भी लाशें जल रही हैं। कहने के लिए यहां पर एम्स और भी कई बड़े-बड़े अस्पताल हैं फिर भी मरीज ऑक्सीजन और बेड की कमी के कारण अस्पतालों को बाहर दम तोड़ रहे हैं। इस पर तो एक ही बात याद आती है दिल्ली कोरोना और मौत की राजधानी बन गई है।

दिल्ली में कोरोना के बेकाबू होते हालात को देखते हुए हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी कोर्ट ने कहा था कि, अगर दिल्ली आप से नहीं संभल रही है तो केंद्र को सौंप देते हैं। अब आम आदमी पार्टी के विधायक खुद केजरीवाल के खिलाफ जाकर यहां पर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे हैं। विधायकों में रोष का महौल है।

दिल्ली के मटियामहल से विधायक शोएब इकबाल ने कहा कि, यहां पर तीन महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए। हमें केंद्र की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है। उन्होंने आगे कहा, अगर केंद्र सरकार हमारी किसी तरह मदद करे तो हम इस मुश्किल से बाहर निकल सकते हैं। ये मांग कोरोना के कारण दिल्ली में पैदा हुई मौजूदा परिस्थितियों को लेकर की है। इतना ही नहीं, उन्होंने हाईकोर्ट से भी अपील की है कि दिल्ली में फैल रही अव्यवस्था को देखते हुए अब यहां राष्ट्रपति शासन लग जाना चाहिए।

कोरोना की इस लहर ने दिल्ली के हेल्थ सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है। राजधानी में तमाम संघर्ष करने के बाद ना तो अस्पताल में बेड मिल रहा है और ना ही ऑक्सीजन की व्यवस्था हो पा रही है। दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर बेड खाली होने का दावा है, लेकिनमीन पर किसी मरीज को बेड पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

24 घंटे में आए कुल केस: 24,235

24 घंटे में हुई कुल मौतें 395

एक्टिव केस 97,977

कुल केस 11,22,286

कुल मौतें 15,772

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