देश में राष्ट्रपति चुनावों को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। विपक्ष एकजुट होकर जहाँ एक संयुक्त उम्मीदवार के नाम पर विचार करने में लगा है। वहीँ बीजेपी और उसके सहयोगी दल इस चुनाव में जीत को लेकर बहुत हद तक निश्चिंत नजर आ रहे हैं। इन सभी ख़बरों के बीच एक दिलचस्प खबर आ रही है। यह खबर है बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच होने वाली मुलाकात की। मोदी से पहले सोनिया गाँधी ने कल विपक्षी दलों के नेताओं के लिए एक भोज का आयोजन किया था। जिसमे नितीश अनुपस्थित रहे थे और जदयू की तरफ से इस भोज में शरद यादव और के सी त्यागी शामिल हुए थे। लेकिन आज प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित भोज में नितीश के शामिल होने से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज भारत यात्रा पर आए मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के सम्मान में आज दोपहर के भोज का आयोजन कर रहे हैं। इसी भोज में नितीश कुमार को भी शामिल होना है। इस मुलाकात को नितीश महज शिष्टाचार भेंट बता रहे हैं और मुख्यमंत्री होने के नाते शामिल होने की बात कह रहे हैं। लेकिन विपक्षी एकता की बात शुरू करने वाले नितीश का विपक्ष के मंच से गायब हो मोदी के साथ होना कहीं न कहीं बिहार में नए राजनीतिक समीकरण की सुगबुगाहट की उम्मीद जगा रहा है।
राष्ट्रपति चुनावों को लेकर इससे पहले नितीश कुमार सोनिया गाँधी से मिल चुके हैं। अपने पिछले दिल्ली दौरे पर उन्होंने यह मुलाकात की थी लेकिन उसके बाद से नितीश ने जहाँ अपना स्टैंड बदल लिया। वहीं वह विपक्ष के मंच से गायब भी रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी नितीश कई ऐसे मौकों पर विपक्ष को गच्चा दे चुके हैं। साथ ही वह नोटबंदी जैसे मुद्दे पर विपक्ष के विरोध से इतर पीएम की तारीफ भी कर चुके हैं।
गौरतलब है कि नितीश कुमार ने बीजेपी से 17 साल पुराना गठबंधन भी नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाये जाने के बाद तोड़ लिया था। उसके बाद से नितीश अपने कट्टर विरोधी लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस से गठबंधन कर सत्ता में काबिज हैं। लेकिन हाल में लालू यादव पर घोटाले के आरोप और बीजेपी को लगातार मिल रही जीत के बीच नितीश और पीएम मोदी की नजदीकियों की चर्चा भी सुर्ख़ियों में रही है। ऐसे में यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में बिहार की राजनीति में नए समीकरण देखनें को मिल सकते हैं।हालांकि खुद नितीश और उनकी पार्टी के नेता ऐसी आशंकाओं को हमेशा ख़ारिज करते रहे हैं।
इससे पहले सोनिया गाँधी की अगुवाई में विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने भावी रणनीति पर चर्चा की। राष्ट्रपति पद पर उम्मीदवार की चर्चा के लिए बुलाए सोनिया गांधी के लंच में कांग्रेस, बीएसपी, आरजेडी, जेडीयू, एसपी, जेएमएम, टीएमसी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, केरल कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी, आरएसपी, एआईयूडीएफ, आल इंडिया मुस्लिम लीग, सीपीएम, जेडीएस, सीपीआई सहित 17 दल शामिल हुए।