क्या अब निजीकरण के खिलाफ आंदोलन करेंगे Rakesh Tikait? Banking Laws Amendment Bill का किया विरोध

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Rakesh Tikait

भारतीय किसान यूनियन के नेता और प्रवक्ता Rakesh Tikait ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर ट्वीट करते हुए उन्होंने प्राइवेटाइजेशन के मुद्दे पर सरकार पर वार किया है और इसको लेकर एक आंदोलन करने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट किया, ”हमने आंदोलन की शुरुआत में आगाह किया था कि अगला नंबर बैंकों का होगा। नतीजा देखिए, 6 दिसंबर को संसद में सरकारी बैंकों के निजीकरण का बिल पेश होने जा रहा है। निजीकरण के खिलाफ देशभर में साझा आंदोलन की जरूरत है।” बता दें कि बैंकिंग कानून (संशोधन) बिल, 2021 इस सत्र के लिए लिस्टेड है और हो सकता है कि ये बिल इसी सत्र में पास कर दिया जाए।

गौरतलब है कि राकेश टिकैत के संगठन समेत कई किसान संगठन और किसान 1 साल से भी ज्यादा समय से केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और वो दिल्ली की टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर में बैठे हुए हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को देश के नाम संबोधन में किसानों से माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की थी और बाद में 29 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कृषि कानून वापसी विधेयक पास हो गया था लेकिन किसान दूसरी मांगों को लेकर अभी भी अड़े हुए हैं।

SKM ने बनाई 5 सदस्यीय कमेटी

संयुक्‍त किसान मोर्चा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) समेत कई किसान नेता मौजूद रहे। BKU नेता राकेश टिकैत ने कहा था, ”SKM ने भारत सरकार से बात करने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाई है। यह सरकार से बात करने के लिए अधिकृत निकाय होगा। समिति में बलबीर सिंह राजेवाल, शिव कुमार कक्का, गुरनाम सिंह चारुणी, युद्धवीर सिंह और अशोक धवले होंगे। एसकेएम की अगली बैठक 7 दिसंबर को होगी।”

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