I.N.D.I.A गठबंधन बिखरने की कगार पर, क्या नीतीश फिर बदलेंगे पाला?

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I.N.D.I.A गठबंधन बिखरने की कगार पर है क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, के इस गठबंधन से बाहर निकलने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि संभावना है कि नीतीश कुमार आखिरी मिनट में यू-टर्न लेते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ साझेदारी करेंगे। मालूम हो कि पिछले दो दिनों में, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार कर दिया है और कहा है कि वे पश्चिम बंगाल और पंजाब में अकेले चुनाव लड़ेंगे।

इस बीच नीतीश कुमार ने अपने सभी विधायकों को पटना बुलाया है। सूत्रों ने कहा कि वह पहले इस्तीफा देंगे और फिर भाजपा, जीतन राम मांझी और अन्य की मदद से दावा पेश करेंगे। नई कैबिनेट के गठन के बाद वह मौजूदा सदन को भंग करने की सिफारिश करेंगे और नया जनादेश मांगेंगे।

विदित हो कि 72 वर्षीय नीतीश कुमार 2013 से, सीएम कुर्सी बरकरार रखते हुए, एनडीए और महागठबंधन के बीच झूलते रहे हैं। उन्होंने आखिरी बार 2022 में पाला बदला था।

हाल ही में नीतीश ने वंशवादी राजनीति पर तीखी टिप्पणियां की थीं और उसके बाद सोशल मीडिया पर लालू यादव की बेटी की ओर से जवाबी हमला बोला गया। कल भारत जोड़ो यात्रा के लिए कांग्रेस के निमंत्रण पर नीतीश की प्रतिक्रिया नहीं मिलने से उनकी उपस्थिति पर सवालिया निशान लग गया और विपक्षी मोर्चे की एकता को लेकर अटकलें तेज हो गयीं।

सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार इंडिया ब्लॉक की चुनावी तैयारियों में स्पष्टता की कमी से नाराज हैं। लोकसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत में देरी से स्थिति और भी खराब हो गई है। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार द्वारा ललन सिंह को जदयू अध्यक्ष पद से बर्खास्त करने के साथ ही खेमे में बदलाव की तैयारी शुरू हो गई थी। ऐसा प्रतीत होता है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को केंद्र का भारत रत्न देना पहले से ही नियोजित था।

सूत्रों ने कहा कि भले ही राज्य भाजपा के नेता नीतीश कुमार की वापसी को लेकर संशय में हैं, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपना मन बना लिया है। सूत्रों ने कहा कि राज्य के नेताओं को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वे मुख्यमंत्री के बारे में बुरा न बोलें।

वहीं महागठबंधन नाराज मुख्यमंत्री को मनाने की कोशिश कर रहा है। सूत्रों ने कहा कि लालू यादव ने नीतीश कुमार को फोन किया है। कांग्रेस भी बिहार में प्रवेश करने पर नीतीश कुमार को भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल करने के लिए कोशिश कर रही है।

इंडिया ब्लॉक के लिए, जो अपने गेमप्लान को आगे बढ़ाने, सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने और अपने अभियान को जारी रखने के लिए संघर्ष कर रहा है, यह एक बड़ा झटका होगा। वैसे भी नीतीश कुमार विपक्षी मोर्चे के गठन में मुख्य शिल्पकार थे, उन्होंने तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे अलग-अलग तत्वों को साथ लिया।

नीतीश कुमार ने कब-कब बदला पाला-

2013- बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन में स्थिरता थी लेकिन नरेंद्र मोदी के बीजेपी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में घोषित किए जाने से नीतीश नाराज हो गए और 17 साल पुराने गठबंधन को समाप्त कर दिया।

2017 – महागठबंधन में दरार खुलकर सामने आने लगी थी। अहम मोड़ तब आया जब सीबीआई ने लालू यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत उनके परिवार के कई सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया। इसके बाद नीतीश कुमार अलग हो गये और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे के कुछ ही घंटों के भीतर, वह भाजपा के समर्थन की बदौलत फिर से सीएम बन गए।

2022- हालात तब बिगड़ गए जब जेडीयू ने बीजेपी पर पार्टी को तोड़ने की साजिश का आरोप लगाया। 9 अगस्त को नीतीश कुमार ने घोषणा की कि जदयू-भाजपा गठबंधन खत्म हो गया है। अगले दिन, वह राजद के समर्थन से फिर से मुख्यमंत्री बने।

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