14 हजार करोड रुपये के पीएनबी घोटाले में देश से फरार और डोमिनिका जेल में सजा काट रहा भारत के भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार अब बड़े वकील हरीश साल्वे का सहारा ले रही है। भारत सरकार हरीश साल्वे से उसके बारे में कानूनी मुद्दा समझने की कोशिश कर रही है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरीश साल्वे भारत की तरफ से डोमिनिका कोर्ट में पक्ष भी रख सकते हैं। गौरतलब है कि, डोमिनिका में चोकसी के अवैध प्रवेश के मामले की सुनवाई वहां की हाईकोर्ट में ही चल रही है।
सोमवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए हरीश साल्वे ने बताया कि, भारत सरकार से मेहुल चोकसी मामले में उनकी चर्चा हो रही है। केस से जुड़ा हर अपडेट सरकार को दिया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि डोमिनिका की कोर्ट में भारत सरकार कोई पार्टी नहीं है बल्कि भारत सिर्फ डोमिनिका सरकार और प्रशासन की मदद करेगा। बता दें कि, मेहुल चोकसी को लाने के लिए भारत सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है। कई तरह के कानूनी दाव पेंच के कारण मामला फंस रहा है।
साल्वे ने कहा कि डोमिनिका की अदालत में अगर भारत को सुनवाई का मौका दिया जाता है और वहां के अटॉर्नी जनरल उनकी कोर्ट में मेरे प्रवेश के लिए सहमत होते हैं तो वह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे । इससे पहले हरीश साल्वे कुलभूषण जाधव केस में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक से 14 हजार करोड़ रुपए लोन लेकर देश से फरार होने का आरोप है। साल 2018 में चोकसी भारत सरकार की आंखों में धूल झोंक कर देश छोड़ कैरिबियाई द्वीप राष्ट्र एंटीगुआ और बारबुडा भाग गया। इसके बाद से वह लगातार वहीं रह रहा था।
बता दें कि, एंटीगुआ और बारबुडा में रहने वाले 61 वर्षीय भारतीय कारोबारी और गीतांजलि समूह के मालिक मेहुल चोकसी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वांटेड घोषित कर रखा है। मेहुल चोकसी ने मेगा-घोटाले के सामने आने से एक महीना पहले 4 जनवरी, 2018 को एंटीगुआ भागने से पहले ₹13,578 करोड़ पीएनबी धोखाधड़ी में करीब ₹7,080 करोड़ की हेराफेरी की।