नादव लैपिड के ‘द कश्मीर फाइल्स’ वाले बयान के बाद चर्चा में क्यों है फिल्म Schindler’s List?

'द कश्मीर फाइल्स' 1990 में कश्मीरी पंडितों द्वारा कश्मीर विद्रोह के दौरान सहे गए क्रूर कष्टों की सच्ची कहानी बताती है। यह एक सच्ची कहानी है, जो कश्मीरी पंडित समुदाय के कश्मीर नरसंहार के पीड़ितों के वीडियो साक्षात्कार पर आधारित है।

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चर्चा में क्यों है फिल्म शिंडलर्स लिस्ट?
चर्चा में क्यों है फिल्म शिंडलर्स लिस्ट?

The Kashmir Files को इजराइली फ़िल्म मेकर और गोवा में हुए इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल के चीफ ज्यूरी नादव लैपिड (Nadav Lapid) ने ‘प्रोपेगेंडा’ बताया है। जिसके बाद से वो सुर्खियों में है। इस पर अब ‘द कश्मीर फाइल्स’ के डायरेक्टर और एक्टर का भी बयान सामने आया है। बता दें कि ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ फ़िल्म के डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री की ओर से सीधे इस मामले पर तो प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अग्निहोत्री ने मंगलवार को ऐसा ट्वीट किया है, जिसे इस बयान से जोड़कर देखा जा रहा है। विवेक अग्निहोत्री ने लिखा, “सुप्रभात। सच सबसे ख़तरनाक चीज़ है। इससे लोग झूठ बोलने लगते हैं।” इस फ़िल्म के अभिनेता अनुपम खेर ने इस बयान के बाद सीधे तौर पर नादव लैपिड को लेकर तो कुछ नहीं कहा,लेकिन उन्होंने एक ऐसा ट्वीट किया जो सीधे लैपिड के बयान से जोड़ा जा रहा है।

The Kashmir Files Controversy
The Kashmir Files Controversy

अनुपम खेर ने लिखा है, “झूठ का क़द कितना भी ऊंचा क्यों ना हो.. सत्य के मुक़ाबले में हमेशा छोटा ही होता है।” इस ट्वीट के साथ उन्होंने कश्मीर फ़ाइल्स और शिंडलर्स लिस्ट फ़िल्म की तस्वीर शेयर की है।

बता दें कि एक ऐसे देश के फिल्मकार ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की आलोचना की है जिस देश के लोगों का इतिहास दुनिया में सबसे अधिक अत्याचार सहने के नाम से दर्ज है। यहूदियों पर नाजियों द्वारा किए गए अत्याचार को दुनियाभर में फिल्में बनाकर जमकर कमाई की गई है। जी हां इस बार आलोचना हुई है इज़राइल के एक फिल्ममेकर की ओर से। नादव के बयान के बाद से लोग ‘शिंडलर्स लिस्ट’ फिल्म की बात करने लगे हैं। अनुपम खेर ने भी ट्वीट में इस फिल्म का पोस्टर शेयर किया है। आइए जानते हैं कि इस फिल्म की कहानी क्या है? असल में वो कहानी भी कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की तरह दर्दनाक और रूह कंपाने वाली है।

‘द कश्मीर फाइल्स’ बनाम यहूदियों का होलोकास्ट

दरअसल, शिंडलर्स लिस्ट’ फिल्म 1993 में आई थी, जो जर्मन उद्योगपति ऑस्कर शिंडलर पर आधारित थी। जिन्होंने एक हजार से ज्यादा पोलिश-यहूदी शरणार्थियों को द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बचाया था। इस फ़िल्म को बेस्ट पिक्चर का ऑस्कर अवॉर्ड मिला था।

‘द कश्मीर फाइल्स’ की चर्चा होने से इजरायल की होलोकास्ट की डरावनी यादें जिवंत हो उठीं हैं। इस नरसंहार में 60 लाख यहूदी मारे गए थे। इसमें कई बच्चे भी शामिल थे। कहानी दूसरे विश्व युद्ध के समय की है। नाजी सेना यहूदियों का कत्लेआम कर रही थी। यह इतना खतरनाक था कि इजरायल के पीएम रहे नफ्ताली बेनेट ने कुछ समय पहले कहा था कि आज कल की किसी भी जंग से ‘होलोकास्ट’ की तुलना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि नाजी चाहते थे कि सारे यहूदियों का नामोनिशान मिटा दिया जाए।

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फिल्म शिंडलर्स लिस्ट

‘होलोकास्ट’ के दौरान हालात ऐसे बन गए थे कि यहूदियों के लिए जर्मनी छोड़कर अमेरिका समेत किसी दूसरे देश में भागना मुश्किल हो गया। 1939 साल में यहूदी आबादी वाले पोलैंड की तरफ हिटलर बढ़ा तो उनके लिए भोजन और मेडिकल सेवाएं बंद कर दी गईं। भूख और बीमारी से वारसॉ और लोड्ज में लाखों लोग मारे गए। जनवरी 1942 में नाजी पार्टी के सीनियर अधिकारियों ने यहूदियों के खिलाफ फाइनल सॉल्यूशन के लिए प्लान बनाया। लाखों की संख्या में नाजी पहले से कैंपों में बंद किए जा चुके थे।

जर्मनी की सत्ता पर काबिज होने के बाद हिटलर ने शिक्षा व्यवस्था, न्यायपालिका, सेना और सिविल सेवाओं में यहूदियों को हटाने का अभियान चलाया। यहूदियों के इबादत स्थल सिनेगॉग को अपवित्र बताकर जला दिया जाता। यहूदी कारोबार का बहिष्कार हुआ और ताला लगने लगा।

‘द कश्मीर फाइल्स’ की कहानी

‘द कश्मीर फाइल्स’ 1990 में कश्मीरी पंडितों द्वारा कश्मीर विद्रोह के दौरान सहे गए क्रूर कष्टों की सच्ची कहानी बताती है। यह एक सच्ची कहानी है, जो कश्मीरी पंडित समुदाय के कश्मीर नरसंहार के पीड़ितों के वीडियो साक्षात्कार पर आधारित है। यह कश्मीरी पंडितों के दर्द, पीड़ा, संघर्ष और आघात का दिल दहला देने वाला आख्यान है। इस फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार, पल्लवी जोशी, भाषा सुंबली और चिन्मय मंडलेकर मुख्य भूमिकाओं में हैं।

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