19 मार्च 2017 को 14 वर्षों के वनवास के बाद सत्ता में लौटी बीजेपी ने भगवा वेषधारी संन्यासी गोरखपीठ के महंत योगी आदित्यनाथ को यूपी का राजकाज सौंपने का फैसला किया… तो साफ हो गया कि वक्त काफी बदल गया है… बीजेपी पर लोग भले ही राजनीति के भगवाकरण का आरोप लगाते हों… लेकिन एक संन्यासी को सत्ता सौंपकर यह संदेश दिया गया कि बीजेपी ने धर्मतंत्र के नियंत्रण में राजतंत्र को चलाने का फैसला किया है… यह सरकार पूर्व की सपा और बीएसपी सरकारों से अलग होगी… सरोकारों पर संवेदनशीलता, समाज के प्रति समर्पण, सेवा, सम्मान और समस्याओं के तुरंत समाधान के संकल्प के साथ काम करेगी… ये भावना यूपी की जनता में इसलिए भी प्रबल हुई… क्योंकि बीजेपी ने प्रचार के दौरान कानून व्यवस्था को लेकर बार बार विरोधियों पर वार किया था… महिलाओं पर बढ़ रहे अपराध से यूपी को निजात दिलाने का वादा किया था…

जनता ने इन बातों पर खूब भरोसा किया था… पहले लोकसभा फिर विधानसभा में भी बीजेपी के हिस्से ऐसी जीत आई… कि सियासत के जानकार पंडित भी चकरा गए… जीत के बाद योगी सरकार भी ऐक्शन में आती नजर आई… महिलाओं पर होने वाले अपराधों को रोकने की जिम्मेदारी अब सीएम योगी की थी… लिहाजा फौरन एंटी रोमियो स्क्वॉयड का गठन किया गया… इसका गठन छेड़छाड़ की वारदातों पर लगाम लगाने के लिए किया गया था… महिलाओं में सुरक्षा का भरोसा बहाल हो… इसके लिए किया गया था… एंटी रोमियो स्क्वॉयड के गठन का एलान कर योगी सरकार ने ये जाहिर करने की कोशिश कि की अब अपराधियों के खिलाफ जुल्म ओ सितम का दौर बस बंद ही होने वाला है…

योगी ने एंटी रोमियो स्क्वॉयड का गठन कर दिया… इससे मनचलों पर कहीं कहीं लगाम लगाने में कामयाबी भी मिली… लेकिन अपने सीएम के फरमान पर यूपी पुलिस ऐसी सोशल मॉनिटरिंज में जुटती भी नजर आई… कि जल्द ही इस पूरे अभियान पर ही सवालिया निशान लगने लगा… यूपी पुलिस को जहां मनचलों पर लगाम लगानी थी… वहीं वो पार्क में प्रेमी जोड़े की निजता में दखल देते नजर आए… रेस्टोरेंट में छापा मारते नजर आए… फैसला ऑन द स्पॉट करने की जल्दबाजी में किसी को भी पकड़ उठक बैठक करवाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते नजर आए… इन तस्वीरों की वजह से योगी सरकार की एंटी रोमियो स्क्वॉयड सवालों में आ गई…

पुलिस की कारगुजारियों से एंटी रोमियो स्क्वॉयड का जब मजाक बनने लगा… विरोधी इसे बेकार की कवायद करार देने लगे… इसके बहाने उत्पीड़न का आरोप लगाने लगे… तो सीएम योगी आदित्यनाथ को सामने आने  पड़ा… और ये बताना पड़ा कि एंटी रोमियो स्क्वॉयड को बनाने का मकसद आखिर क्या था… और इसकी आड में आम लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए… उन्होंने यूपी पुलिस को भी सतर्कता बरतने को कहा… और उनकी सफाई से ये साफ हो गया कि एंटी रोमियो स्क्वॉयड अपने मिशन से डिरेल हो गई है…

महिला सुरक्षा के मानकों पर यूपी की हालत ज्यादा नहीं सुधरी है…सूबे को अपराध मुक्त बनाने का वादा भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से पहले जनता से किया सरकार के एक साल पुरे होने के बाद भी सूबे में अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने में सरकार विफल दिखाई दे रही है…

योगी सरकार का पहला साल पूरा हो रहा है… ऐसे में उनके वादों की फेहरिश्त जनता खंगाल रही है… रिपोर्ट कार्ड बन रहा है… हालांकि आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि यूपी में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार में कोई बड़ी कमी नहीं आई है… एंटी रोमियो स्क्वॉयड के गठन जैसे कदम से ना छेड़छाड़ कम हुई है… ना ही महिलाओं में अपनी सुरक्षा को लेकर माहौल बेहतर होने का भरोसा पैदा हुआ है…

इस अभियान में भी सरकार ने वैसी ही जल्दबाज़ी दिखाई जैसी कि अन्य योजनाओं में की है… सरकार एक के बाद एक घोषणाएं करती गई लेकिन अंजाम तक पहुंचा पाने में वो नाकाम रही… और इसकी वजह ये है कि उसके पास इनमें से किसी को भी लागू करने का न तो कोई रोड मैप है और शायद न ही वो बनाना चाहती है…

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