देशभर से दलितों के साथ अभद्र व्यवहार की घटनाएं आ रही है और राजनीतिक दल दलितों के मामलों पर वोटबैंक की राजनीति कर रही है। उत्तर प्रदेश में कौशाम्बी के मंझनपुर के अंबावा पूरब गांव में विकास कार्यों की स्थलीय जांच में गई दलित महिला अफसर को बर्तन में पानी न देने के मामले में पुलिस ने गुरुवार को तीन ग्राम प्रधान समेत छह व्यक्तियों के विरुद्ध अनुसूचित जाति/जनजाति, निष्पक्षता अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गत मंगलवार को डीपीआरओ के निर्देश पर उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सीमा मंझनपुर ब्लॉक के अंबाला पूरब गांव निरीक्षण के लिए गई थी। प्यास लगने पर उन्होंने वहां मौजूद जिम्मेदारों से पानी मांगा तो दलित होने की वजह से उन्हें बर्तन में पानी नहीं दिया गया बल्कि इशारा कर ग्रामीणों को भी मना कर दिया गया।

सूत्रों ने बताया कि पानी ना पीने से दलित अफसर की तबीयत खराब हो गई। शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता को जांच के निर्देश दिए। जांच के बाद मंझनपुर कोतवाली में आज अंबापुरा के ग्राम प्रधान शिवसंपत, सेक्रेटरी रवि दत्त मिश्र, बीडीसी झल्लर तिवारी, कोटेदार राजेश सिंह सहित छह आरोपियों के विरुद्ध डॉक्टर सीमा की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। मामले की तफ्तीश की जा रही है। 

                                                                                                            साभार- ईएनसी टाईम्स

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