जम्मू-कश्मीर के हालात दिन-प्रतिदन खराब होते जा रहे हैं। आज राज्य में एक बार फिर हिंसा भड़की और 7 स्थानों पर कर्फ्यू लगाना पड़ गया। आश्चर्य की बात यह है कि यहां पर हिंसा किसी जाति या धर्म के नाम पर नहीं भड़कती बल्कि एक आतंकवादी के मारे जाने पर कुछ स्थानीय लोग भड़क जाते हैं और राज्य को अस्थिर कर देते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ।

आतंकी की मौत पर भड़की हिंसा

आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर सब्जार अहमद भट के मारे जाने के बाद कुछ लोग इतने उतावले हो गए कि देखते ही देखते कश्मीर के 50 से ज्यादा जगहों पर हिंसा भड़क उठी। इसमें अभी तक 1 आम आदमी के मौत की ख़बर सामने आई है जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। आलम ऐसा बन गया कि श्रीनगर के 7 थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया। गांदेरबल जिले में भी धारा 144 लगा दी गई है। स्कूल-कॉलेज सोमवार तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। ट्रेन और इंटरनेट सुविधा भी सस्पेंड कर दी गई हैं। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में शनिवार को रक्षा कर्मियों ने 2 एनकाउंटर ऑपरेशन  को अंजाम दिया। एक ऑपरेशन  रामपुर सेक्टर तो दूसरा त्राल में चलाया गया। इस दौरान आर्मी ने 10 आतंकी को मार गिराया, इनमें सब्जार भी शामिल था। इसकी ख़बर फैलते ही लोगों ने आर्मी पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए।

7 जगहों पर लगा कर्फ्यू

श्रीनगर के डीएम फारूख लोन ने बताया कि रविवार को शहर में हालात काफी बिगड़ गए और शहर के 7 अलग-अलग थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा पड़ा। इन क्षेत्रों में खानयार, करालखुद, महाराजगंज, मैसुमा, नौहट्टा, रेनवाड़ी और सफाकदल शामिल हैं।

बुरहान वानी का क़रीबी था सब्जार

आपको बता दें कि पुलवामा जिले के त्राल में मारा गया सब्जार बुरहान वानी का उत्तराधिकारी था और बीते वर्ष 8 जुलाई को सेना की कार्रवाई में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बना था। बुरहान की मौत के बाद भी घाटी के हालात खराब हो गए थे और 90 दिनों तक लगातार हिंसा की चपेट में रही थी। उस दौरान भी कर्फ्यू लगाना पड़ा था और इस हिंसा में 90 नागरिकों की मौत हुई थी, 15 हजार से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। इसके अलावा सेना के भी 2 जवान शहीद हो गए थे जबकि 4000 से ज्यादा घायल हो गए थे। बुहरान का उत्तराधिकारी होने की वजह से ही सब्जार के एंकाउंटर के बाद भी घाटी में एक बार हिंसा भड़क उठी है और कर्फ्यू लगा दिया गया है।

मोदी सरकार में कश्मीर के हालात हुए बेकार

भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने अपनी सत्ता के तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं। इन तीन वर्षों में मोदी सरकार ने नई योजनाएं लाकर भले ही देश की स्थिति को बेहतर करने का प्रयास किया हो लेकिन इसी देश का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू और कश्मीर के हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए हैं। आए दिन जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ, सीजफायर का उल्लंघन होना आम बात हो गई है। हालांकि सेना दुश्मनों को करारा जवाब देती रही है लेकिन उसमें भी कई सैनिक शहीद हो जाते हैं।

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