पुरानी दिल्ली की एक हवेली जो कि पूरी तरह से जर्जर हो चुकी थी, इस समय सुर्खियों में बनी हुई है। दरअसल, जामा मस्जिद के पास बनी हवेली धर्मपुरा, खंडहर में तब्दील हो चुकी थी। जिसके बाद बीजेपी नेता विजय गोयल (जिन्हें हेरिटेज लवर के नाम से भी जाना जाता है) ने काफी विवादों के बाद इसे खरीदा था। उन्होंने काफी परेशानी झेलने के बाद चांदनी चौक की इस खंडहर हवेली का रंग-रूप चमका दिया है। विजय गोयल की कड़ी मशक्कत का ही नतीजा है कि आज उस खंडहर हवेली को यूनेस्को द्वारा मान्यता दे दी गई है, साथ ही उस हवेली को यूनेस्को के एशिया पेसिफिक हेरिटेज कन्जर्वेशन अवॉर्ड से नवाजा गया है।

केंद्रीय राज्य मंत्री विजय गोयल ही इस हवेली को प्राप्त सम्मान के असली हकदार है। उनका और उनके परिवार का धर्मपुरा की इस हवेली पर पूरा हक है।

विवादों के बाद खरीदी गयी थी हवेली-

केंद्रीय राज्य मंत्री विजय गोयल ने चांदनी चौक की इस हवेली को उस वक्त खरीदा था जब ये हवेली पूरी तरह से जर्जर हो चुकी थी। जब विजय गोयल ने इस हवेली को खरीदने का ऐलान किया था तब उन्हें काफी विवादों का सामना करना पड़ा था। विजय पर आम आदमी पार्टी द्वारा अपने रसूख का इस्तेमाल कर सरकारी सुविधाएं और टैक्स में छूट लेने का आरोप भी लगाया गया था। लेकिन भीषण वाद-विवाद के बाद ये हवेली विजय गोयल को बेच दी गई थी। जिसका सुखद परिणाम आज हम सभी के बीच है, आज वही खंडहर हेवली खूबसूरत रेस्टोरेंट में तब्दील हो चुकी है। जिसे देखने के लिए दूर-दराज से लोग दिल्ली आया करेंगे।

लखौरी रेस्टोरेंट है हवेली की शान-

हवेली की शान में चार-चांद लगाने के लिए इसमें एक हेरिटेज बुटिक पांच-सितारा होटल की शुरुआत की गई हैं। इस होटल का इंटीरियर, चांदनी चौक की खासियतों और खूबसूरती को ध्यान में रखकर किया गया हैं। इस हवेली के रेस्टोरेंट का हॉल लखौरी ईंटो से बनाया गया हैं। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि चांदनी चौक की तमाम पुरानी इमारतें लखौरी ईंटों से ही निर्मित की गयी हैं। ये ईंटें इतनी खूबसूरत हैं कि इस रेस्टोरेंट का नाम भी ईंट के नाम पर लखौरी रेस्टोरेंट रखा गया हैं।

Dhrampura haveli

ये हवेली इतनी खूबसूरत है कि इसके आगे दिल्ली की सभी हवेलियों की खूबसूरती फीकी लगने लगी हैं। इसलिए अब धर्मपुरा की हवेली की सूरत बदलने के बाद अब चांदनी चौक की बाकी हवेलियों की सूरत बदलने पर भी चर्चा की जा सकती हैं। जिसके लिए सरकार पहले ही शाहजहांनाबाद रिडेवलपमेंट अथॉरिटी बना चुकी है।

सरल नियम बनाने की मांग की-

हवेली का रूप परिवर्तित हो जाने के बाद केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने ऐतिहासिक इमारतों और हवेलियों के रखरखाव और जीर्णोद्धार के लिए सरल नियम बनाने की मांग की है।

इस हवेली को पुरातत्व नियमों के अनुसार बनाया गया है। हवेली की साज-सज्जा का विशेष ध्यान रखा गया है। हवेली को प्राचीन रूप से संवारने के लिए राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश के कई शहरों से सामान लाकर इसे सजाया गया है।

इस हवेली के इतिहास पर नजर डाली जाए तो इस हवेली का मूल मालिक एक मुसलमान परिवार था। लेकिन बाद में यहां जैन आबादी ज्यादा हुई, तो ये हवेली एक जैन परिवार के पास आ गई थी। जिसके बाद इस इलाके का नाम धर्मपुरा कर दिया गया था।

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