अमेरिका ने दो स्टेट ऑफ द आर्ट मिसाइल सिस्टम एयर इंडिया वन को बेचने की मंजूरी दे दी है। बता दें एयर इंडिया वन भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की हवाई सुरक्षा में लगे हवाई दस्ते का नाम है।  इन सिस्टमों की कीमत 190 मिलियन डॉलर (1360 करोड़ रुपये) है। इस कदम से देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को यात्रा कराने वाले विमानों की सुरक्षा बढ़ेगी। पेंटागन के अनुसार मिसाइल की बिक्री अमेरिका और भारत के सामरिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करके अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को नए आयाम देगी।

अमेरिका का फैसला भारत सरकार के लायरकैम और एसपीएस के लिए हाल ही में किए अनुरोध के बाद आया है। इन डिफेंस सिस्टम्स को बोइंग-777 एयरक्राफ्ट में लगाया जाएगा। भारत सरकार जल्द ही एयर इंडिया से इसके लिए दो बोइंग-777 विमान खरीद सकती है। इन सिस्टम्स के जरिए भारतीय प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को मिलने वाली हवाई सुरक्षा अमेरिकी राष्ट्रपति को मिलने वाली सुरक्षा एयरफोर्स वन के बराबर स्तर की हो जाएगी।

अमेरिकी वैज्ञानिकों के संघ के मुताबिक, लायरकैम सिस्टम बड़े विमानों को छोटी मिसाइलों से बचाता है। हमले भांपने के लिए यह सिस्टम एक बार में कई सेंसर इस्तेमाल करता है। विमान में फिट होने के बाद यह क्रू को मिलने वाला वॉर्निंग टाइम बढ़ा देता है। साथ ही यह मध्यम दूरी के मिसाइल सिस्टम पर ऑटोमैटिक तरीके से पलटवार भी कर सकता है। इसके लिए विमान के क्रू को अपनी तरफ से कोई कदम भी नहीं उठाना होता। पायलटों को सिर्फ यह जानकारी मिलती है कि मिसाइल का पता लगाकर उसे नष्ट कर दिया गया।

पेंटागन ने साफ किया कि भारत को मिसाइल डिफेंस सिस्टम देने से उपमहाद्वीप में स्थापित सैन्य संतुलन किसी तरह से नहीं बिगड़ेगा। अमेरिका पहले ही भारत को अपने मुख्य रक्षा सहयोगी का दर्जा दिया है। इस ओहदे के चलते ही अमेरिका आसानी से भारत से तकनीक साझा करता है। पिछले साल दोनों देशों ने एक-दूसरे की बेहतर सुरक्षा और संपर्क के लिए कॉमकासा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

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