कोरोना वायरस उत्पत्ति को लेकर अभी एक मुद्दा हल हनीं हुआ था कि, एक और मुद्दा सुर्खियों में छाया हुआ है। कोरोना वायरस उत्पत्ति पर खुलकर बोलने वाले डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल से अबतक अमेरिकी राष्ट्रपति के शीर्ष स्वास्थ्य सलाहकार डॉ एंथोनी फाउची का मेल लीक हो गया है। मेल के द्वारा कई बड़े खुलासे हुए हैं। लीके हुए मेल के अनुसार पता चला है कि डॉ फाउची कोरोना के संक्रमण के शुरूआती महीनों में चीन के वैज्ञानिकों के संपर्क में थे।

अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट को 866 पन्नों का एक लीक ईमेल प्राप्त हुआ है। इस ईमेल को 28 मार्च 2020 को चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक जॉर्ज गाओ ने डॉ फाउची को सेंड किया था। इस मेल में गाओ नेफाउची से अमेरिका में लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित नहीं करने पर की गई अपनी आलोचना के लिए माफी मांगी थी। बता दें कि गाओ ने पहले कहा था कि अमेरिका अपने लोगों को मास्क पहनने के लिए न कहकर भारी गलती कर रहा है।

वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार यह मार्च-अप्रैल 2020 में गाओ और फाउचीसी के ईमेल के 866 से अधिक पन्नों में से एक है। इस मीडिया ऑर्गनाइजेशन से इस लेटर को अमेरिका के फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन एक्ट के तहत प्राप्त किया है। लीक हुए ईमेल में डॉ फाउची बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के एक एक्जिक्यूटिव के साथ भी बातचीत की थी। जिसके बाद इस बवाल में बिल गेट्स का भी नाम शामिल हो गया है। माइक्रोसॉफ्ट के इस सह संस्थापक पर पहले से ही ऑक्सफर्ड कोविड वैक्सीन को लेकर आरोप लग चुके हैं।

बता दें कि डॉ फाउची का डोनाल्ड ट्रंप के साथ अच्छा संबंध नहीं था। यही कारण था कि ट्रंप कई बार फाउची को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके थे। अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में तो ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से फाउची को बर्खास्त करने की बात कही थी। ट्रंप की चुनावी रैलियों में फाउची को बर्खास्त करने के नारे लगते थे। लेकिन, राजनीतिक नुकसान के कारण ट्रंप ने ऐसा किया नहीं।

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