बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के कोचों पर मिथिला आर्ट की चित्रकारी की सराहना करने से संयुक्त राष्ट्र भी स्वंय को नहीं रोक पाया है। यूएन ने इसके लिए भारतीय रेलवे और ट्रेनों में मधुबनी आर्ट बनाने वालों की जमकर तारीफ की है। आपको याद हो कि बिहार संपर्क क्रांति के 9 कोचों को सुंदर मधुबनी पेंट से रंगा गया है और इनकी सुंदरता देखते ही बनती है।

यूएन ने एक ट्वीट कर कहा- कि ये भारतीय रेलगाड़ियां कितनी सुंदर हैं। बिहार की महिलाओं ने इन कोचों को पारंपरिक मिथिला आर्ट से रंगा है जिसे मधुबनी आर्ट के नाम से भी जाना जाता है। इन कलाकारों ने अपनी अंगुलियों, माचिस की तीलियों, ब्रश, नेचुरल डाई और रंगों के साथ इन्हें बनाया है।

बता दें कि इससे पहले, दरभंगा से नई दिल्ली जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के नौ डिब्बों को मधुबनी पेंटिंग के रंग में रंगा गया। बिहार की संस्कृति को समेटे दरभंगा से चलकर नौ डिब्बों के साथ यह ट्रेन जब शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंची तो हर कोई इसकी खूबसूरती निहारने लगा।

वहां मौजूद यात्रियों में इसे लेकर खास आकर्षण देखने को मिला। भारतीय रेलवे का यह एक्सपेरिमेंट लोगों को काफी पसंद आया। सिर्फ बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ही नहीं, बल्कि पटना राजधानी के 22 कोचों को भी मधुबनी पेंटिंग्स से सजाया जा रहा है। डिब्बों के अंदर और बाहर मधुबनी पेंटिंग्स के जरिए बेहतरीन साज-सज्जा की जा रही है। बिहार संपर्क क्रांति की बोगियों को सजाने का काम महिला कलाकारों ने किया है।

बता दें कि इससे पहले भारतीय रेलवे द्वारा ‘रेल स्वच्छ मिशन’ के तहत मधुबनी स्टेशन की दीवारों पर भी इसी तरह की पेंटिंग बनाई गई थी। इस स्टेशन में सफाई अभियान चलाया गया था, जिसमें कलाकारों ने वेतन की मांग न करते हुए 14 हजार वर्ग फीट की दीवार तो ट्रेडिशनल मिथिला स्टाइल में पेंट किया था।

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