महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ मिनट बाद इस्तीफा दे दिया। दरअसल ठाकरे सरकार को गुरुवार को साबित करना था कि उनकी सरकार के पास अभी भी बहुमत है। उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात एक ऑनलाइन संबोधन में कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। लोकतंत्र का पालन किया जाना चाहिए।” इसके बाद वह अपना इस्तीफा सौंपने के लिए राज्यपाल के आवास के लिए रवाना हो गए।
उद्धव गुट के पास रह गए थे महज 15 विधायक
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का गुट 15 विधायकों तक सिमट कर रह गया था, उनके गुट ने अदालत से राज्य के राज्यपाल द्वारा कल बुलाए गए फ्लोर टेस्ट को रोकने की मांग की थी लेकिन कोर्ट से उद्धव ठाकरे को तगड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने, हालांकि, कहा कि कल के वोट का परिणाम 11 जुलाई को उसके फैसले के अधीन होगा। मालूम हो कि शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के कुल 39 विधायक ठाकरे के खिलाफ हो गए हैं।
उनका तर्क है कि उनका गुट अब असली शिवसेना है और पार्टी को मौजूदा सरकार से बाहर निकलना चाहिए, जिसमें कांग्रेस और शरद पवार की राकांपा सहयोगी के रूप में शामिल है, और भाजपा के साथ सरकार बनानी चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश की जा रही है। इस समय भाजपा के देवेंद्र फडणवीस सरकार बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
भाजपा और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ, एकनाथ शिंदे का गुट सरकार बना लेगा। शिंदे के पक्ष ने आरोप लगाया कि गैर-भाजपा दलों के साथ शिवसेना का गठबंधन उसकी विचारधारा के विपरीत है। उन्होंने ठाकरे पर उपलब्ध नहीं होने का भी आरोप लगाया।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ठाकरे के खिलाफ फैसला सुनाए जाने के कुछ मिनट बाद, उद्धव ठाकरे ने फेसबुक पर एक भाषण में कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा दे रहे हैं। अदालत ने फैसला सुनाया था कि ठाकरे को कल विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना होगा।
उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं अप्रत्याशित रूप से सत्ता में आया, और मैं इसी तरह से जा भी रहा हूं।
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