अयोध्या में प्रशासन द्वारा रामलला को ठंड से बचाने के लिए प्रशासन ने ब्लोअर और गर्म कपड़ों की व्यवस्था की है। दरअसल विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने प्रशासन से रामलला के लिए ठंड से बचने की समुचित व्यवस्था करने की मांग की थी। विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने इस संबंध में प्रशासन से सवाल उठाया था और परिसर के पदेन रिसीवर मंडलायुक्त मनोज मिश्रा से रामलला को ठंड से बचाने की व्यवस्था किए जाने की मांग की थी।

प्रशासन ने विहिप के मांग को ध्यान में रखते हुए ब्लोअर, कंबल और गर्म कपड़ों की व्यवस्था की। जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इसकी पुष्टि की। हालांकि अदालत के यथास्थिति कायम रखने के आदेश के कारण ये व्यवस्था करना इतना आसान भी नहीं था। विहिप ने भी ब्लोअर उपलब्ध कराने की पुष्टि करते हुए प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

वैसे इस पर विवाद या कहें राजनीति भी तेज हो गई है। जन्मभूमि के मुख्य पुजारी महंत सतेंद्र दास ने विहिप पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 25 वर्षों बाद इन लोगों को याद आई है कि राम लला को सर्दी भी लगती है। अब तक ये लोग कहां थे? विहिप की नींद अब खुली है।

दूसरी ओर राम जन्म भूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने भी कहा कि श्रीराम हमारे ईष्ट देव हैं उनकी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन, उन्होंने महंत सतेन्द्र दास के इस बयान से सहमति जताई कि यह सब कोर्ट की अनुमति लेकर होना चाहिए।

वहीं मामले के मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए जो भी कुछ हो वह सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से ही हो। हालांकि उन्होंने कहा कि यदि हिन्दू उन्हें गर्म कपड़े आदि पहनाना चाहते हैं उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

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