उत्तराखंड की राजनीति में तमाम उठापटक के बाद राज्य को नया सीएम मिल गया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद अब तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं। सुबह 10 से बजे से देहरादून में भाजपा विधानमंडल की बैठक चल रही थी। इस बैठक में तीरथ को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया है। खबर है कि, शाम 4 बजे तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

बता दें कि, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 9 मार्च को शाम 4 बजे राज्यपाल बेबी रान मौर्या से मुलाकात कर उन्हें इस्तीफा पत्र सौंपा था। रावत ने इस्तीफा क्यों दिया इस बात का खुलासा नहीं हुआ है। पत्रकारों को जवाब देते हुए रावत ने कहा था कि, इस्तीफे की कहानी जानने के लिए आप लोगों को दिल्ली जाना पड़ेगा।

उत्तराखंड के होने वाले नए मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि, पार्टी ने मुझ पर भरोसा किया है। मुझे बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। कोशिश करूंगा कि, उनकी उम्मीदों पर खरा उतरु, उन्होंने आगे कहा, पूर्व मुख्यमंत्री ने जो काम किया है उसे आगे बढ़ाने का काम करूंगा। राज्य को विकास के पथ पर लेकर जाउंगा

मुख्यमंत्री पद के चुनाव में छत्‍तीसगढ़ के पूर्व मुख्‍यमंत्री और उत्‍तराखंड के प्रभारी रमन सिंह, रमेश पोखरियाल के अलावा कार्यवाहक मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्‍यक्ष बंशीधर भगत, दुष्‍यंत कुमार गौतम, यशपाल आर्य, रेखा आर्य समेत उत्‍तराखंड से भाजपा के तमाम सांसद और विधायक मौजूद रहे। वैसे तो मुख्यमंत्री पद की रेस में रमेश पोखरियाल का नाम रफ्तार में था लेकिन, असल मुहर तीरथ सिंह के नाम पर लगी।

तीरथ सिंह रावत, फरवरी 2013 से दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। वह चौबट्टाखाल से भूतपूर्व विधायक (2012-2017) हैं। वर्तमान में तीरथ सिंह रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के साथ साथ गढ़वाल लोकसभा से सांसद भी हैं। पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था। तीरथ सिंह रावत वर्ष 2000 में नवगठित उत्तराखण्ड के प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गए थे। इसके बाद 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए। इसके बाद प्रदेश चुनाव अधिकारी और प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे। 2013 उत्तराखण्ड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2012 में चौबटाखाल विधान सभा से विधायक निर्वाचित हुए और वर्ष 2013 में उत्तराखण्ड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने।

इसके पहले वर्ष 1983 से 1988 तक वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। तीरथ सिंह रावत के राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र जीवन में ही हो गई थी। वह हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here