सीमा पर अपनी निगाहें गढ़ाए हमारी और देश की रक्षा करने वाले वीर जवानों को खतरा सिर्फ आतंकवादियों और घुसपैठियों से नहीं रहता बल्कि उनको प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ता है। दिन-रात, सर्दी और गर्मी के मौसम में हिमस्खलन और कड़ी धूप के साथ वो अपने कंधों पर 125 करोड़ की जनता की सुरक्षा का भार उठाए रहते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश इसी निडरता के साथ काम करते हमारे कुछ सैनिक लापता हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन के बाद से तीन भारतीय जवान लापता हैं।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कल देर रात गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास बक्तूर सैन्य चौकी हिमस्खलन की चपेट में आ गई। उन्होंने कहा कि हिमस्खलन के बाद कम से कम तीन सैनिकों के लापता होने की सूचना है। इन जवानों को खोजने का प्रयास जारी है, लेकिन अब तक इनका कुछ पता नहीं चल पाया है। वहीं खबर है कि कुपवाड़ा के नौगाम सेक्टर से भी दो जवान लापता हैं। बता दें कि इससे पहले भी 2017 की शुरुआत में गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन के कारण 15 जवान शहीद हो गए थे। हिमस्खलन के कारण गुरेज में कई दिनों तक कई जवान लापता रहे थे, पर बाद में 15 जवानों के ही शव बरामद हो पाए थे।

भारतीय सैनिकों पर हमेशा से ही प्राकृतिक आपदाओं का खतरा मंडराता रहता है। इस बार जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन से पूरा क्षेत्र ही अस्त-व्यस्त है। बर्फबारी की वजह से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने और श्रीनगर हवाई अड्डे से उड़ानें रद्द होने के बाद कश्मीर घाटी का पूरे देश से संपर्क टूट गया है। लेकिन इन सबके बावजूद भारतीय फौज लापता साथियों को ढूढ़ने में लगी है। सरकार भी हरसंभव मदद कर रही है।

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