उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने पहली बार विधानसभा में भाषण दिया। इस मौके पर योगी ने कहा, “सदन को चर्चा का मंच बनाना है और यूपी को नंबर राज्य बनाना है। मेरी सरकार विपक्ष से भेदभाव नहीं करेगी। लोकतंत्र में किसी को भी भेदभाव महसूस नहीं होना चाहिए।” उन्होंने कहा, “चुनावों में हम एक-दूसरे के खिलाफ थे, लेकिन अब एक साथ उत्तर प्रदेश के लिए काम करना है। हमें उम्मीदों पर खरा उतरना है। उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता के बारे में सोचना है।”

योगी ने अपने संबोधन में कहा कि “सत्ता पक्ष और विपक्ष लोकतंत्र के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। दोनों मिलकर एक साथ कार्य कर सकें। हम सभी का लक्ष्य एक ही होना चाहिए। जनता की समस्या के समाधान में विपक्ष भी सहयोग करे। हमारा एक ही लक्ष्य है इसे आदर्श विधानसभा बनाना।”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हृदय नारायण दीक्षित को यूपी की 17वीं विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया। इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के नव निर्वाचित अध्यक्ष हृदय नारायण का अभिनंदन भी किया। साथ ही यह विश्वास भी दिलाया कि उनकी सरकार विपक्ष के साथ कोई भेदभाव नहीं करेगी।

अभी तक भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता रहे दीक्षित ने उन्नाव की भगवंतनगर सीट से चुनाव जीता है। उन्हें संसदीय मामलों का बेहतर जानकार माना जाता है। पांच बार विधायक और विधान परिषद सदस्य रह चुके दीक्षित पिछली सरकारों में मंत्री भी रह चुके हैं।

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