देश में बहुत कम लोग हैं जो अपने हक की लड़ाई लड़ते हैं। उससे भी कम लोग हैं जो उस हक को पा पाते हैं। ऐसे में गरीब आदमी के पास एक आखिरी रास्ता बचा रह जाता है कि वो या तो खुद खत्म हो जाए या फिर…। वैसे भी भारत जैसे देश में सरकार और प्रशासन से अपना हक मांगना कितना मुश्किल है, ये सरकार को छोड़ सभी जानते हैं। अब सरकार ने जनता से वो आखिरी मौका भी छीन लिया है जिससे उसको उसका हक मिल सकता था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डीबीएस पीजी कॉलेज में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में  कहा कि आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। आत्महत्या कायर करते हैं। ऐसे लोगों को सरकार कोई मुआवजा नहीं देगी।

बता दें कि कुछ दिन पहले हल्द्वानी के एक ट्रांसपोर्ट प्रकाश पांडे की आत्महत्या के बाद राज्य में आत्मदाह की धमकी देने वालों की बाढ़़ आ गई है। ऐसे में राज्य सरकार काफी परेशान हो गई है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आत्महत्या की धमकी देना फैशन बन गया है। लेकिन अब इसे खत्म करना है। उन्होंने कहा कि अब तक हमें आत्महत्या की 11 धमकियां मिल चुकी हैं। हमारे बीच के कुछ लोग भले इसे बढ़ावा दें, लेकिन मेरी सरकार किसी भी सूरत में ऐसे आत्महत्या करने वालों की मदद नहीं करेगी। ऐसे लोगों को सरकार के खजाने से एक रुपये की मदद नहीं दी जाएगी।

उन्होंने युवाओं को नेताजी के राह पर चलने के लिए प्रेरित किया। उऩ्होंने युवाओं से कहा कि वो राजनीति में आएं। इसके साथ ही उऩ्होंने युवाओं से ये भी कहा कि वो नौकरी के पीछे न भागें बल्कि खुद नौकरी देने लायक बनें।

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