अगर कोई काम ईमानदारी से किया जाए तो उसका फल कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में जरूर मिलता है। अब भगवान के फल का तो पता नहीं लेकिन सरकार ने ईमानदार लोगों को उनके ईमानदारी का फल देने का सोचा है। दरअसल, सरकार एक महत्वाकांक्षी नीति तैयार कर रही है जिसके तहत लगातार ईमानदारी से पूरा कर चुकाने वाले करदाताओं को ‘सम्मानित’ और प्रोत्साहित किया जाएगा।  अधिकारियों ने रविवार को बताया कि एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और नेशनल हाईवे पर टोल बैरियर जैसी जगहों के इस्तेमाल में इन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। इनके टैक्स से जुड़े काम भी प्राथमिकता से निपटाए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही ऐसे करदाताओं को लोन संबंधी कई अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।

यह पहली बार है जब सरकार ने ऐसी पहल करने की सोची है। सरकार को लगता है कि इस पहल से ईमानदारी से कर भरने वालों की तादाद बढ़ेगी। साथ ही बैंकों का एनपीए भी घटेगा। अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के तहत एक समिति बनाई गई है। यह समिति समय पर पूरा कर चुकाने वाले करदाताओं को ऐसे प्रोत्साहन और लाभ देने के लिए व्यापक मानदंड बना रही है। वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव की समीक्षा के बाद इसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजेगा। उसके बाद इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी दी जाएगी।

सीबीडीटी और आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की यह टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंप सकती है। यह समिति समय पर पूरा कर चुकाने वाले नागरिकों का पैमाना तय करेगी और उन्हें दी जाने वाली सहूलियतों की सूची तैयार करेगी। वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि हर साल समय पर लगातार कर चुकाने वाले और रिटर्न दाखिल करने वालों को सभी सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता देने के साथ उन्हें सार्वजनिक रूप से सम्मानित भी किया जाएगा। ऐसे लोगों के पहचान के लिए सरकार ईमानदार और समय पर कर चुकाने वाले नागरिकों को उनकी पहचान के लिए ‘यूनिक आईडेन्टिटी नंबर’ जारी कर सकती है।

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