सरकार ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है जिसमें दावा किया जा रहा था कि सरकारी सूत्रों के अनुसार TATA Sons Group ने राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए बोली जीती है और नीलामी में टाटा संस सबसे ज्यादा बोली लगाने वाला समूह बना है।
DIPAM के Secretary ने Tweet कर जानकारी दी , ” एयर इंडिया विनिवेश मामले में भारत सरकार द्वारा वित्तीय बोलियों के अनुमोदन के बारे में बताने वाली मीडिया रिपोर्ट गलत हैं। सरकार के निर्णय के बारे में मीडिया को सूचित किया जाएगा जब यह लिया जाएगा। ”
इससे पहले ऐसा पहले यह दावा किया जा रहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के नेतृत्व वाले मंत्रिस्तरीय पैनल ने इस बोली को मंजूरी दे दी है और Tata समूह ने 15 सितंबर को एयरलाइन के लिए अंतिम बोली लगाई थी। यह भी दावा किया जा रहा था कि मंत्रियों के एक पैनल ने भारत की स्पाइसजेट लिमिटेड एयरलाइन ऑपरेटर (SpiceJet Limited Airline Operator) के प्रमोटर अजय सिंह के प्रस्ताव से पहले नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा समूह के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था।
टाटा समूह और स्पाइसजेट के अध्यक्ष अजय सिंह (Ajay Singh) ने इस महीने की शुरुआत में सरकारी कंपनी एयर इंडिया के लिए बोली लगाई थी। दिसंबर 2020 में, सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश के रुचि दिखाई थी। अधिकारियों के अनुसार सरकार को Air India को चलाने के लिए हर दिन लगभग 20 करोड़ का नुकसान होता है, जिससे अभी तक सरकार को 70,000 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
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