उत्तर प्रदेश के पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों में योजनाओं के नाम पर खूब लूट हुई है… ठेके में अनियमितता पाई गई है… कई काम अधूरे हैं लेकिन टेंडर पास हो गए… सरकार की तरफ से बजट दिया गया लेकिन काम में कोताही बरती गई… विधानसभा में पेश सीएजी रिपोर्ट में 2004-05 से लेकर 2015-16 में बड़े स्तर पर वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ है… इधर शहरी और स्थानीय निकायों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर चिंता जताई गई है…

उत्तर प्रदेश में सरकारी कामकाज में नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया है…सीएजी ने वित्तीय अनियमितता को लेकर कई अहम खुलासे किए हैं.. यूपी विधानसभा में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों को लेकर मंगलवार को विधानसभा में सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट पेश की जिसमें बड़े वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ है। शहरी स्थानीय निकायों की साल 2011-2016 के बीच काफी नियमों की धज्जियां उड़ाई गई…  शहरी स्थानीय निकायों में भी मेन्टेनेंस रिकार्ड्स की कमी एक बड़ा गम्भीर मामला सामने आया है। वहीं रोड रजिस्टर, पेमेन्ट बुक, कान्ट्रैक्ट बॉण्ड रजिस्टर और वर्क्स रजिस्टर में भी सीएजी ने कई कमियां पाई गई है…इसके साथ ही प्रदेश के 36 शहरी निकायों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट को लेकर भी ऑडिट रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। प्रदेश के 636 शहरी निकायों में से 604 निकायों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट की कोई सुविधा ही नहीं है। सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट के लिए केवल चार से छह फीसदी बजट ही आबन्टित किया जा रहा है… कई प्रोजेक्ट अधूरे हैं.

प्रदेश के 202 पंचायती राज संस्थाओं को सैम्पल के रुप में लेकर साल 2011 से लेकर 2016 के बीच किए गए ऑडिट में 10 जिला पंचायतों, 26 क्षेत्र पंचायतों और 166 ग्राम पंचायतों में 172.82 करोड़ की धनराशि खर्च ही नहीं की गई… जबकि राज्य में पंचायती राज संस्थाओं को भारत सरकार से 12,765.39 करोड़ और राज्य सरकार से 17,031.94 करोड़ की धनराशि जारी की गई थी। लेकिन इसमें कई अनियमितता पाई गई… ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी और जालौन में ठेकेदारों को लाखों रुपये का लाभ दिया गया…

पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों को लेकर विधानसभा में पेश रिपोर्ट ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है… इस रिपोर्ट से यह साफ है कि निचले स्तर पर विकास के कामों में किस तरह लापरवाही बरती जा रही है… सरकारी धन कैसे दुरुपयोग हो रहा है… कैसे जनता के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की दीमक लगे हुए हैं… अब देखना होगा कि सरकार इस पूरे मामले में क्या कदम उठाती है…

एपीएन ब्यूरो

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here