कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि महाराष्ट्र के नागपुर में गौरक्षकों ने बीफ ले जाने के शक में एक भाजपा नेता सलीम शाह की खूब कसकर पिटाई कर दी थी। किंतु अब फॉरेसिंक लैब की रिपोर्ट ने भी मीट की जांच में पाया कि वो मीट किसी अन्य जानवर का नहीं अपितु बीफ ही था। जी हां, इसकी जांच नागपुर की रीजनल फरेंसिक साइंस लैबरेटरी ने  की है जिसमें पाया गया कि मीट बीफ ही था। खबर सुनते ही शाह की भाजपा से सदस्यता छीन ली गई। बताया जाता है कि वह पार्टी से पिछले 12 सालों से जुड़े थे।

यह घटना 12 जुलाई की है जब सलीम शाह अपने स्कूटर पर 15 किलो बीफ ले जा रहे थे। इस बात की खबर गौरक्षकों को लग गई और उन्होंने बीच रास्ते सलीम को पकड़ लिया और बीफ के शक में उनकी पिटाई कर दी। इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ शिकायत दर्ज की। सलीम पर जहां बीफ ले जाने का आरोप था वहीं गौरक्षकों पर कानून को अपने हाथ में लने का। इस मामले में गौरक्षकों के चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

इस घटना के बाद से गौरक्षक और भाजपा सरकार फिर से ट्रोल होने लगे थे और उनको काफी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा था। हालांकि बात अभी भी वही है कि भले ही कोई आदमी कैसा भी काम करे,कानून को हाथ में लेने का हक किसी को नहीं है। नियमानुसार गौरक्षक चाहते तो वो सूचना पाते ही पुलिस को सूचित कर सकते थे किंतु उन्होंने ऐसा न कर के खुद ही दण्ड देने का फैसला किया जो कि सरासर गलत है।

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