बीजिंग में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की…बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को सुधारने पर जोर दिया…इस मौके पर वांग ने कहा, इस साल हमारे नेताओं के मार्गदर्शन में चीन-भारत संबंधों ने अच्छा विकास किया है और विदेश मंत्री सुषमा ने उसमें बहुत अहम योगदान दिया है…जिसकी हम सराहना करते हैं… इस दौरान सुषमा स्वराज ने कहा, कि भारतीय एवं चीनी नागरिकों को एक दूसरे की भाषाएं सीखनी चाहिए क्योंकि यह उन्हें संवाद की मुश्किलों से उबारने में मदद करेगी और इसके परिणाम स्वरूप दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध में और मजबूती आ सकती है…

डोकलाम की खटास हुई दूर !

बैठक में डोकलाम में 73 दिनों के सैन्य गतिरोध के कारण आई खटास को दूर करने के लिए दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की…इस दौरान सुषमा स्वराज ने वांग को स्टेट काउंसलर और भारत के साथ सीमा मुद्दे पर चीन के विशेष प्रतिनिधि बनने पर बधाई दी…इस दौरान दोनों नेताओं ने कहा कि पीएम मोदी का चीन के वुहान शहर का दौरा डोकलाम विवाद के बाद गंभीर तनाव से गुजरे द्विपक्षीय संबंधों को एक नई शुरुआत देगा…

मिलेगा सतलज और ब्रह्मपुत्र नदी का डेटा

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में साल 2018 में चीन द्वारा सतलज और ब्रह्मपुत्र नदी का डेटा भारत को उपलब्ध कराने पर भी सहमति बनने के साथ ही भारत और चीन के बाद आतंकवाद, क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल हेल्थकेयर जैसे अहम मुद्दों पर बातचीत हुई…शियामेन में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात होगी…यह मुलाकात जून में किंगदाओ में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन से पहले हो रही है…

कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर होगी शुरु

बैठक में भारत और चीन ने सिक्किम में नाथूला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है…करीब 10 महीने पहले डोकलाम में पैदा हुए गतिरोध के बाद यात्रा रोक दी गयी थी…पीएम मोदी की  27-28 अप्रैल को होने वाली चीन यात्रा के दौरान उनकी और शी जिनपिंग के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी…साथ ही इस अनौपचारिक शिखर बैठक में कई समझौतों को अंतिम रूप दिया जाएगा…

चीन का वन बेल्ट, वन रोड, भारत का सासेक

भारत-चीन दोनों ही पड़ोसियों के बीच बेहतर संबंध एशिया महाद्वीप के लिए बेहद जरुरी हैं…एक तरफ चीन जहां वन बेल्ट, वन रोड परियोजना के जरिये भारतीय उपमहाद्वीप में विस्तार की फिराक में है वहीं भारत सड़क सम्पर्क की कूटनीति को धार देते हुए भूटान, नेपाल, बांग्लादेश एवं म्यांमार के साथ साउथ एशियन सब रिजनल इकोनॉमिक को-ऑपरेशन कारिडोर यानि सासेक को आगे बढ़ा रहा है…ऐसे में हमें चीन की हर चाल पर नजर रखते हुए अपनी कूटनीति में बदलाव करने होंगे…

कुमार मयंक, एपीएन

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