Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर के फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए बैंकों को चार बड़े आदेश जारी किए हैं। पहला बैंक खरीदारों से जुर्माना वसूल नहीं करेंगे। दूसरा बैंक को डिफॉल्ट बैंक खातों को NPA से बाहर करना होगा। तीसरा बैंक इन सभी खरीददारों से केवल मूलधन और ब्याज ही लेंगे। चौथा बैंक सारे प्रॉपर्टी लेने वालों के खातों को नियमित करेंगे।
इसके अलावा कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि बैंक अपने कर्ज की वसूली फ्लैट मिलने के बाद करेंगे।सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस समस्या के लिए जितना बिल्डर, उतना ही बैंक भी जिम्मेदार हैं। इसलिए बिल्डर से जुड़ी बकायादारी को फ्लैट खरीदारों से नही वसूली जा सकती है।
Supreme Court: क्या कहना था? कोर्ट का
सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ में जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस बेला माधुरी त्रिवेदी ने सुनवाई के दौरान सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद आदेश दिया। पीठ ने कहा कि घर खरीदारों के हितों की सुरक्षा तभी हो सकती है।जब ईएमआई भरने में चूक करने वाले घर खरीदारों की मजबूरी को ध्यान में रखा जाए उनके होम लोन अकाउंट को एनपीए घोषित नहीं किया जाए।
कोई भी बैंक घर खरीदारों की तरफ से मजबूरी में हुई चूक पर सख्ती बरतते हुए जुर्माना ना लगाए, क्योंकि, कायदे से मकान खरीदारों की देनदारी तब से शुरू होगी जब उन्हें उनके घर, फ्लैट, दुकान या संपत्ति पर कब्जा मिल जाए। मकान पर कब्जा मिलने के बावजूद अगर फ्लैट मालिक ईएमआई की रकम अदा नहीं करता है तब बैंक उस पर कार्रवाई के अधिकारी होंगे।
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