इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन  (ISRO) ने गुरुवार की सुबह अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के लिए एक और बड़ी पहल करते हुए सफलता हासिल की है। इसरो ने श्रीहरिकोटा में एक कैप्सूल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिसे अंतरिक्ष यात्री अपने साथ ले जा सकेंगे। कैप्सूल का प्रयोग अतंरिक्ष यात्री स्पेस में किसी दुर्घटना के वक्त अपनी सुरक्षा के लिए कर सकेंगे।

ऐसे हुआ परीक्षण

इस टेस्ट के बारे में बताते हुए  इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन  (ISRO) के चेयरमैन के. सीवान बताया, ‘क्रू बेलआउट सिस्टम पर कैप्सूल परीक्षण का प्रयोग किया गया और यह पूरी तरह से सफल रहा। इसके लिए किसी आदमी की जगह पर क्रू मॉडल का प्रयोग किया गया था। मॉडल कैप्सूल में अटैच किया गया था और इसे रॉकेट इंजन से जोड़ा गया। लॉन्च के कुछ देर बाद पैराशूट भेजा गया और कैप्सूल सुरक्षित तरीके से समुद्र में निर्धारित स्थान पर उतर गया।’

ये है कैप्सूल का उद्देश्य

चेयरमैन के. सीवान ने बताया कि 259 सेकेंड के इस परीक्षण में सब कुछ सफलतापूर्वक और योजना के अनुसार हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि इस कैप्सूल का उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अगर कोई दुर्घटना होती है तो उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि भविष्य में एयरप्लेन मोड वाले अंतरिक्ष कैप्सूल लॉन्च करने की भी योजना है।

मानव सहित स्पेस प्रोग्राम को लेकर के. सीवान ने कहा, ‘अगर हम अपने अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजते हैं तो उन्हें सुरक्षित भेजने और सुरक्षित वापस धरती पर लाना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए यात्रियों के साथ लाइफ सपॉर्ट सिस्टम देना होगा। ऑक्सीजन की आपूर्ति, दबाब का नियंत्रित होना और मानवीय वेस्ट को डिस्चार्ज करने की व्यवस्था और क्रू की सुरक्षा के लिए बाहर निकालने में सक्षम कैप्सूल कुछ ऐसी ही चीजें हैं।’

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