सुरंग में इंसान के तेज दिमाग के साथ कदमताल करती अत्याधुनिक मशीनें भागती-दौड़ती मुंबई की भारी भीड़ को आराम देने की कोशिशों में लगी है। यहां मौजूद तमाम दो हाथ मिशन को समय पर पूरा करने के लिए मशीनों की तरह दिन-रात एक किये हुए हैं। सुरंग में टेस्टिंग का काम जोरों पर है। मेट्रो रेल की लाइनें बिछाने के लिए मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने मुंबई में तीसरे कॉरिडोर कोलाबा-बांद्रा-एसईईपीजेड का काम युद्धस्तर पर जारी है। मुंबई मेट्रो का यह फेज अंडरग्राउंड होगा। ट्रैफिक जाम की परेशानी से जूझते मुंबईकरों को अंडरग्राउंड मेट्रो का यह तोहफा 2021 तक मिलने की उम्मीद है। मुंबई जैसे शहर में ऐसा पहली बार हो रहा है जब 33.5 किलोमीटर लंबे भूमिगत कॉरिडोर से 220 मीटर दूर दक्षिण मुंबई में कुलाबा को उपनगरीय अंधेरी में एसईईपीजैड को जोड़ने की सुरंग का निर्माण किया जा रहा है।
अब तक छह महीने के रिकॉर्ड समय में दो किलीमीटर लंबी सुरंग का निर्माण पूरा किया जा चुका है। एमएमआरसी की एमडी अश्विनी भिड़े के मुताबिक ये कॉरिडोर लगभग 2000 इमारतों के नीचे से होकर निकलेगी। मुंबई मेट्रो का साढ़े 33 किलोमीटर लंबा अंडरग्राउंड कॉरिडोर मुंबई यातायात के लिए एक ‘गेम-चेंजर’ के तौर पर सामने आने वाला है।
सुरंग बनाने के लिए टनेल बोरिंग मशीनों की मदद ली जा रही है। एमएमआरसी लाइन थ्री के सुरंग निर्माण के लिए विभिन्न साइटों पर मौजूद 11 में से 8 टीबीएम का इस्तेमाल कर रहा है। पटरियों के बिछाने के साथ ही उसकी टेस्टिंग का काम भी चल रहा है। उम्मीद हैं कि जुलाई 2018 तक 17 टीबीएम का इस्तेमाल किया जाएगा।
मुंबई मेट्रो के सुरंग निर्माण की ताजा स्थिति…
- आजाद मैदान में दो टीबीएम ग्रांट रोड तक 4.5 किमी सुरंग बनेगी।
- अब तक 450 मीटर सुरंग का निर्माण पूरा।
- नया नगर में दो टीबीएम दादर मेट्रो स्टेशन तक 2.5 किमी सुरंग बनेगी।
- टीबीएम, कृष्णा 1 और 2 ने 1.5 मीटर सुरंग बनाई।
- विद्यागारी में दो टीबीएम सीएसआईए घरेलू हवाई अड्डे के लिए 2.98 किमी बनेगी।
- टीबीएम, गोदावरी 1 और 2 ने 342 मीटर सुरंग बनाई।
- मारोल नाका के लिए दो टीबीएम मशीनें।
- अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक 1.2 किमी सुरंग बनेगी।
इन सुरंगों के नाम महाराष्ट्र में बहने वाली नदियों के नाम पर रखे गए हैं। इनके नाम सूर्या, वैतरना, तनासा, कृष्णा, गोदावरी, तापी और वैंगंगा नदियों के नाम पर रखे गए है। फिलहाल मुंबईकरों को शांत, तेज और ठंडकभरी सफर का इंतजार है।
कुमार मयंक एपीएन