जयललिता के मौत के बाद तमिलनाडु में जारी राजनीतिक उठापटक खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। ताजा घटनाक्रम में राज्य सरकार को अस्थिर करने में लगे शशिकला और उनके भतीजे दिनाकरन को करारा झटका लगा है। राज्य विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने शशिकला-दिनाकरन समर्थक 18 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी।

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विधानसभा अध्यक्ष ने संविधान के अनुच्छेद 10 यानी दल-बदल कानून और 1986 के तमिलनाडु विधानसभा सदस्य दल बदल कानून के तहत यह कार्यवाही की है। अध्यक्ष की इस कार्रवाई के बाद ई पलानीसामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर संकट के बादल छंटते दिखाई दे रहे हैं।

विधानसभा सचिव द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि ‘विधानसभा अध्यक्ष ने दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की है। अब ये सभी 18 विधायक अयोग्य घोषित हो गए हैं और उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गई है।’

इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सभी 18 विधायकों को अपने सामने पेश होने को कहा था, लेकिन केवल कुछ ही विधायक अध्यक्ष के सामने पेश हुए थे। बार-बार नोटिस भेजने के बाद भी कुछ विधायक उपस्थित नहीं हो रहे थे। इसके बाद अध्यक्ष ने यह कार्यवाही की।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही हुई एआईडीएमके की आम सभा की बैठक में ओ.पन्नीरसेल्वम और ई.पलानीसामी के गुटों ने वी के शशिकला को पार्टी की अंतरिम जनरल सेक्रटरी के पद से हटा दिया था। साथ ही दिनाकरन ने जो भी घोषणाएं की थीं उन्हें भी रद्द कर दिया गया था। उसके बाद भी ये 18 विधायक दिनाकरन के संपर्क में थे और ये विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग कर रहे थे। इनका कहना था कि पलानीस्‍वामी की सरकार अल्‍पमत में है और इस कारण वे विधानसभा की आपात बैठक भी बुलाने की मांग कर रहे थे।

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विधानसभा अध्यक्ष के इस कार्यवाही के बाद मुख्यमंत्री पलानीस्वामी को बड़ी राहत मिली है और उनकी सरकार अब स्थिर नजर आ रही है।

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