सपा सरकार में मंत्री रहे आज़म खान की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। आज़म खान अपने विवादित बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं लेकिन इस बार यही विवादित बयान उनके गले की फांस बनता दिख रहा है। ताज़ा मामला जौहर यूनिवर्सिटी और वक्फ बोर्ड की जमीन से सम्बंधित लीज से जुड़ा है। इस मामले में यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने जहाँ योगी को चिट्ठी लिख कर जांच कराने को कहा है। वहीँ दूसरी तरफ गृह मंत्रालय ने भी ऐसे ही एक मामले में जांच के आदेश जारी किये हैं।

कांग्रेसी नेता फैसल खान लाला ने राज्यपाल राम नाईक को पत्र लिखकर रामपुर के विधायक आजम खान पर वक्फ बोर्ड और सरकार की जमीनों और इमारतों पर कब्जे का आरोप लगाया है। फैसल खान ने आजम खान पर यूपी की अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहने के दौरान सरकारी पैसे के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया है। इन्ही आरोपों से सम्बंधित पत्र मिलने के बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री योगी से मामले की जाँच कराने को कहा है।

दूसरा मामला गृह मंत्रालय से जुड़ा है। गृह मंत्रालय ने रामपुर के अब्दुल सलाम की शिकायत पर रामपुर के डीएम से जांच करने को कहा है।  अब्दुल सलाम ने 175 एकड़ जमीन  पर आज़म खान पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया था।  इस जमीन में  35 एकड़ जमीन कस्टोडियम की है जिस में जौहर  विवि बना हुआ है।

अब्दुल सलाम ने गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा है कि शत्रु संपत्ति का खाता संख्या  00146 है।  इसके अंतर्गत कुल 300 बीघा जमीन है। इसी जमीन पर कब्ज़ा करने का आरोप आज़म खान पर लगा है। ग्राम समाज की भूमि पर भी आज़म खान का कब्ज़ा है। इसका खाता संख्या 1241,1214,1224,1232,1234, और 652 है। यह जमीन इमामुददीन कुरैशी पुत्र बदरूद्दीन कुरैशी  की  बताई जा रही है।

आज़म खान इन दोनों ही आदेशों के बाद घिर सकते हैं। साथ ही क़ानूनी मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। ऐसे में अपने बड़बोलेपन से अक्सर विवाद में रहने वाले आज़म पर इस बार उनका बडबोलापन भारी पड़ गया। उन्होंने कहा था कि अगर जौहर विश्वविद्यालय की लीज रद्द हुई तो डायनामाइट लगाकर विश्वविद्यालय को उड़ा देंगे। अब इसी विश्वविद्यालय और लीज से सम्बंधित जांच के आदेश दिए गए हैं। जिसमे आरोप साबित होने पर लीज रद्द होने के अलावा अन्य क़ानूनी कारवाई हो सकती है।

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